नई दिल्ली । एक समय नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे प्रशांत किशोर अब बिहार के मुख्यमंत्री के साथ ट्विटर वॉर करते नजर आ रहे हैं । पहले जुबानी जंग और अब सोशल मीडिया के जरिए नीतीश कुमार पर तंज कसने में पीके पीछे नहीं हैं। पिछले दिनों दोनों के बीच हुई जुबानी जंग के बीच शुक्रवार सुबह प्रशांत किशोर ने अपने ट्विटर हैंडल से नीतीश कुमार की पीएम मोदी के सामने हाथ जोड़कर खड़े हुए की चार फोटो डाली , लेकिन इन फोटो का कोई कैप्शन नहीं दिया । हालांकि थोड़ी देर बाद ही इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। भले ही लोगों तक सीधे पहुंचने से पहले उन्होंने यह ट्वीट हटा लिया हो , लेकिन फिर भी कुछ लोगों ने इसका स्क्रीन शॉट ले लिया था जो अब वायरल हो रहा है । इसी के साथ सवाल उठ रहे हैं कि आखिर प्रशांत किशोर इन फोटो के जरिए क्या कहना चाहते थे ।
जुबानी जंग में भिड़ चुके हैं नीतीश कुमार - पीके
बता दें कि पिछले दिनों दोनों के बीच काफी जुबानी जंग हुई थी । असल में नीतीश कुमार ने नई सरकार बनने के बाद पीके पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अब वह शायद भाजपा की मदद कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर पब्लिसिटी एक्सपर्ट हैं और वह शायद भाजपा की मदद करने के लिए काम कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर क्या बयान देते हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। वह शायद भाजपा के साथ रहना चाहते हैं। शायद वह उनकी मदद करना चाहते हैं।
पीके ने किया था पलटवार
नीतीश कुमार की इस टिप्पणी पर पीके ने पलटवार किया था । उन्होंने कहा था - वह (नीतीश कुमार) बुजुर्ग हो गए हैं और एक साल में उन्हें सब पता चल जाएगा। यही नहीं उन्होंने कहा था कि यदि नीतीश कुमार 10 लाख नौकरियों के वादे को पूरा कर देते हैं तो मैं सब काम छोड़कर उनके साथ लग जाऊंगा।
फोटो ट्वीट कर नीतीश पर किया था तंज
बहरहाल , इस सबके बाद आज सुबह पीके ने एक ट्वीट करते हुए चार फोटो पोस्ट किए । इसमें पीएम मोदी और नीतीश कुमार अलग अलग मंच पर नजर आए , जिसमें नीतीश कुमार हाथ जोड़े पीएम मोदी के सामने खड़े नजर आ रहे थे । ऐसा माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने इन तस्वीरों के जरिए नीतीश कुमार के उस आरोप का जवाब देना चाहा था , जिसमें उन्होंने कहा था कि वह भाजपा की मदद कर रहे हैं। लेकिन उनके इस ट्वीट को डिलीट कर देने के बाद अब यह ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है ।
नीतीश के फैसले का असर सिर्फ बिहार में
बता दें कि प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जाने के फैसले पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि नीतीश के इस फैसले से देश भर में कोई असर नहीं होगा। इसका असर बिहार में ही देखने को मिलेगा। यही नहीं उन्होंने कहा था कि इस तरह के पालाबदल से नीतीश कुमार की छवि पर भी असर होगा। उनकी विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है। जेडीयू की सीटों में लगातार गिरावट इसका उदाहरण है ।