लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजनीति में सोमवार को एक युग का अंत हो गया । समाजवादी पार्टी के संस्थापक और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह का सोमवार सुबह 8.15 बजे निधन हो गया । वह फेफड़ों के संक्रमण से ग्रसित थे और गत 1 अक्टूबर से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे । उनके निधन पर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है । मुलायम सिंह का पार्थिव शरीर आज पहले लखनऊ लेकर जाया जाएगा । इसके बाद सैफई में मंगलवार दोपहर 3 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा ।
अखिलेश यादव का बयान आया सामने
मुलायम सिंह के निधन पर उनके बेटे और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पहला रिएक्शन सामने आया है और उन्होंने बताया कि मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे ।माजवादी पार्टी (SP) के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर अखिलेश यादव का बयान जारी किया गया ।
फेफेड़ों के संक्रमण से थे ग्रसित
विदित हो कि मुलायम सिंह यादव को गत 22 अगस्त को सांस लेने में तकलीफ और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद मेदांता अस्पताल (Medanta Hospital) में भर्ती कराया गया था, हालांकि उनकी तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था । इसके बाद गत 1 अक्टूबर की रात को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था, जहां एक डॉक्टरो का पैनल उनका इलाज कर रहा था । इस बार वह फेफड़ों में संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती हुए थे । इससे पहले मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की पत्नी साधना गुप्ता (Sadhna Gupta) का इसी साल जुलाई में निधन हो गया था ।
सैफई ले जाएंगे पार्थिव शरीर
सपा सूत्रों के अनसुार नेताजी का पार्थिव शरीर लखनऊ लाया जाएगा । लखनऊ में पार्थिव शरीर, पार्टी ऑफिस और विधान सभा रखा जायेगा । लखनऊ के बाद पार्थिव शरीर सैफई ले जाया जाएगा । पार्टी सूत्रों ने साफ कर दिया है कि सैफई में मंगलवार दोपहर बाद 3 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा ।
पीएम ने किया लंबा ट्वीट
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ट्वीट कर मुलायम सिंह यादव के निधन पर दुख जताया । उन्होंने लिखा - मुलायम सिंह यादव जी एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे । एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे । उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ. लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। मुलायम सिंह यादव जी ने यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई । वह आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सैनिक थे । रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने एक मजबूत भारत के लिए काम किया । उनके संसदीय हस्तक्षेप व्यावहारिक थे और राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने पर जोर देते थे ।जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया, तब मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बार बातचीत हुई । घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक था । उनका निधन मेरे लिए एक पीड़ा है । उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना. शांति।'