शिमला। हिमाचल प्रदेश से सरकारी शिक्षा के गिरते स्तर और सरकार की लापरवाही का एक मामला सामने आया है। यहां कुल्लू जिले के ऊझी घाटी में चलने वाले सरकारी हाईस्कूल हलाण 1 का किराया पिछले 12 सालों से बच्चों और अभिभावकों से वसूला जा रहा है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि स्कूल के निर्माण के लिए बजट जारी कर दिया गया है और जमीन की भी निशानदेही कर दी गई है लेकिन लोक निर्माण विभाग की ओर काम शुरू नहीं किया गया है। अब किराए में चल रहे स्कूल को मकान मालिक ने अक्टूबर में खाली करने को कहा है।
गौरतलब है कि सरकारी हाईस्कूल हलाण 1 में करीब 133 बच्चे पढ़ते हैं। सरकार की ओर से इस स्कूल को हाईस्कूल को दर्जा 12 सालों पहले दिया गया लेकिन बच्चों के बैठने और पढ़ने के लिए कोई भवन नहीं दिया गया। इसके बाद स्कूल प्रबंधन समिति ने इसे प्राईवट स्कूलों की तर्ज पर चलाने के लिए अभिभावकों से बात करने के बाद किराए पर एक भवन किराए पर लिया। भवन का किराया 3 हजार रुपये महीने के हिसाब से सालाना 36 हजार रुपये किराए की वसूली छात्रों से की जाती है।
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यहां बता दें कि छात्रों के खेलने और प्रार्थना के लिए एक खेत को किराए पर लिया गया है। अब स्कूल और खेत का किराया पिछले 12 सालों से छात्रों से वसूला जा रहा है। हाईस्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों और अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने शिक्षा विभाग से लेकर कई स्तरों पर इस मुद्दे को उठाया लेकिन इसका कोई समाधान नहीं हो सका। अब सरकार का कहना है कि स्कूल के निर्माण के लिए बजट जारी कर दिया गया है और जमीन की निशानदेही भी कर ली गई लेकिन लोक निर्माण विभाग द्वारा स्कूल भवन निर्माण में देरी की जा रही है।
गौर करने वाली बात है कि अब मकान मालिक ने उस भवन को भी अगले महीने तक खाली करने को कहा है। मकान मालिक का कहना है कि अक्टूबर तक ही स्कूल प्रबंधन समिति ने एग्रीमेंट किया था। उसके बाद भी स्कूल चलाने पर उसे सालाना 1 लाख 20 हजार रुपये किराया वसूलने की बात कही है।