लखनऊ । उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही अब प्रशासनिक महकमे में भी बदलाव की बयार बह रही है। इस कड़ी में बदले गए हैं यूपी पुलिस के डीजीपी। जावीद अहमद की जगह अब यूपी के डीजीपी होंगे सुलखान सिंह। 80 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सुलखान सिंह ने पदभार ग्रहण करते ही साफ कर दिया कि सरकारी की ओर से उन्हें साफ निर्देश हैं अपराधी सत्ता पक्ष का हो या विपक्षी दल का किसी को बख्शा नहीं जाएगा। इतना ही नहीं अफसरों को कार्रवाई के लिए छूट दी जाएगी।
पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए फर्जी गोरक्षक बने लोगों को भी उन्होंने चेतावनी दी। कहा- अगर अपनी कारगुजारियां बंद नहीं की तो उनके खिलाफ कार्रवाई लेने में पुलिस जरा भी नहीं झिझकेगी। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि पुलिस धर्म-मजहब-जाति के आधार पर अपनी कार्रवाई को प्रभावित नहीं होने देगी।
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बता दें कि पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार मीडिया से बात करते हुए नए डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एजेंडे के तहत काम करना यूपी पुलिस की प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस जनता की सेवा के लिए है। किसी के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार नहीं किया जाएगा। जो अपराधी हैं, उन्हें सजा मिलेगी। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि अब यूपी में किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी नहीं सही जाएगी, यूपी पुलिस निष्पक्षता से मामलों की जांच करेगी।
इस दौरान उन्होंने ऐसे लोगों को चेतावनी दी, जो गोरक्षा के नाम पर उल्टे काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग सुधर जाएं नहीं तो पुलिस उन्हें नहीं बख्शेगी। उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेने का हक किसी को नहीं है। पुलिस किसी भी धर्म-जाति को ध्यान में रखकर कार्रवाई नहीं कहेगी न ही इस आधार पर किसी को राहत मिलेगी।
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हालांकि इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में पुलिसकर्मियों को भी सप्ताह में अवकाश और अन्य सुविधाएं मिलने की बातों का समर्थन किया।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने चुनाव आयोग से लगातार डीजीपी जावीद अहमद को हटाने की मांग की थी। आरोप लगाए गए थे कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने कई वरिष्ठ अफसरों की अनदेखी कर पार्टी के करीबी जावीद अहमद को डीजीपी पद पर बैठाया था। ऐसे में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद ये इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि आखिर योगी सरकार अहमद को इस पद पर बनाए रखेगी।
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जानिए नए डीपीपी सुलखान सिंह से जुड़ी बातें
1- सुलखान सिंह 1980 की यूपी बैंच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं।2-इससे पूर्व वह एडीजी कानून व्यवस्था और अभिसूचना समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर बेहतर काम कर चुके हैं।3- उनकी छवि एक सख्त अधिकारी की है। बसपा सरकार के दौरान उन्होंने भर्ती घोटाले की जांच की थी।4-यूं तो सुलखान सिंह 30 सितंबर 2017 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि सरकार उनका कार्यकाल बढ़ाने की सिफारिश करेगी।