कानपुर । उत्तर प्रदेश पुलिस पिछले 100 घंटे से सुबे के हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे की तलाश में खाक छान रही है । आलम यह है कि नेपाल बॉर्डर से लेकर चंबल की घाटियों तक यूपी पुलिस की कई टीमें दबिश दे रही है , लेकिन अभी तक यूपी पुलिस के 8 जवानों की शहादत के कसूरवार विकास दुबे का कोई सुराग नहीं लगा है । इस सबके बीच विकास दुबे और उसके गुर्गों द्वारा पुलिसवालों को घेरकर उनपर हमला करने से जुड़े कई किस्से सामने आ रहे हैं । इसके साथ ही पुलिस के आला अफसरों से चौबेपुर थाने में तैनात एसएचओ विनय तिवारी की शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने से भी अब कई पुलिस अफसरों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है ।
वहीं कानपुर मामले में यूपी पुलिस और सरकार की किरकिरी के बाद अब बदमाशों पर पलटवार की रणनीति बनाई गई है । योगी सरकार ने ऑपरेशन क्लीन शुरू किया है , जिसमें सुबे के प्रमुख बदमाशों पर शिकंजा कसा जाएगा । एनसीआर के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तो पुलिस एक्शन में आ गई है और गैंगस्टरों पर शिकंजा कस दिया गया है ।
बता दें कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गोलीकांड को अंजाम देने के बाद से फरार है । वहीं उसके कुछ साथियों ने विकास दुबे को लेकर कई खुलासे किए हैं। बावजूद इसके आलम यह है कि सूबे की पुलिस की करीब 40 से ज्यादा टीमें उसका सुराग ढूंढने में लगी है । विकास की लास्ट मोबाइल लोकेशन यूपी के औरेया की आई थाी , जिसके बाद उसके मध्य प्रदेश भागने की आशंका जताई जा रही है । ऐसे में चंबल के बीहड़ में भी उसकी खोज की जा रही है। इतना ही नहीं ऐसी भी आशंका है कि वो नेपाल भाग गया हो।
इसी क्रम में विकास के खिलाफ सबूत खंगालने के लिए गिरफ्तारियां हो रही हैं । फतेहपुर के एक गांव से एक संदिग्ध की गिरफ्तारी हुई है । वहीं विकास दुबे की नौकरानी और दो रिश्तेदारों पर भी पुलिस ने शिकंजा कसा है , साथ ही बिकरु गांव यानी विकास दुबे के घर पर पुलिस की पैनी नजर है ।