लखनऊः सीएम योगी आदित्यनाथ यूपी में ताबड़तोड़ फैसले लेने में लगे हैं। मंगलवार को आधी रात तक अपने मंत्रियों और अफसरों को मशक्कत कराते हुए योगी ने अखिलेश सरकार की समाजवादी पेंशन योजना रोकने और उसकी जांच कराने का फैसला किया। यही नहीं, अखिलेश की एक और महात्वाकांक्षी योजना साइकिल ट्रैक की भी समीक्षा होगी और जरूरत होने पर साइकिल ट्रैक तोड़े भी जा सकते हैं। सीएम और उनके 3 अहम मंत्रियों की मीटिंग में अतिदलितों और दिव्यांगों के लिए कई अहम फैसले भी लिए गए हैं।
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एक माह में होगी समाजवादी पेंशन योजना की जांच
सीएम ने मंगलवार दिन में कैबिनेट की दूसरी बैठक निपटाने के बाद शाम को समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, महिला कल्याण, लोक कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी और पीडब्लूडी मंत्री व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के विभागों के प्रजेंटेशन देखे। यह मीटिंग और प्रजेंटेशन देखने का दौर करीब रात 12 बजे तक चला। प्रेजेंटेशन के बाद सीएम ने समाजवादी पेंशन योजना को फिलहाल रोकने और उसकी जांच कराने का आदेश दिया। एक महीने में जांच कर रिपोर्ट दी जाएगी कि जिन्हें पेंशन मिल रही है, वो इसके पात्र हैं या नहीं।
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पेंशन योजना में अब अतिदलित व भूमिहीन पर फोकस
समाजवादी पेंशन योजना का नाम भी बदलकर मुख्यमंत्री पेंशन योजना किया जाएगा। अब इसके तहत अति दलित जातियों मुसहर, नट, कंजड़ और बनटांगियां समुदाय को शामिल करते हुए इनके लोगों को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाए जाने पर भी मीटिंग में चर्चा हुई। यही नहीं, वृद्धावस्था, किसान और राज्य पेंशन योजना में भी बदलाव होगा। दिव्यांगों और वृद्धों को दी जा रही पेंशन की राशि अब दोगुनी करने का भी प्रस्ताव रखा गया है। अभी यह पेंशन 500 रुपए प्रतिमाह है। कहा गया कि मुख्यमंत्री पेंशन योजना का लक्ष्य 1.10 करोड़ करने के अलावा भूमिहीन और अति दलित समुदाय को प्राथमिकता देने का है। समाज कल्याण विभाग के द्वारा पेंशन स्कीम के सभी लाभार्थियों को आधार से जोड़ा जाएगा।
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दिव्यांगों का खास ख्याल, बढ़ेगी ग्रांट
दिव्यांगों के लिए बने विभाग का नाम अब दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग होगा। साथ ही, अब दिव्यांगों को 300 रुपए प्रतिमाह की ग्रांट को बढ़ाकर 500 रुपए करने का का भी विचार है। विभागों में दिव्यांग कोटे के खाली पदों को जल्द भरा जाएगा। प्रदेश के 403 विधानसभा क्षेत्रों में कैम्प लगाकर कृत्रिम अंग/सहायता उपकरण देने के निर्देश दिए गए।
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