Sunday, May 19, 2024

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एनएच-74 के बाद ‘एनएच-87’ में धांधली का मामला आया सामने, कोर्ट ने कमिश्नर से मांगे जवाब

अंग्वाल न्यूज डेस्क
एनएच-74 के बाद ‘एनएच-87’ में धांधली का मामला आया सामने, कोर्ट ने कमिश्नर से मांगे जवाब

नैनीताल। राज्य में एनएच-74 घोटाले के बाद एनएच-87 में घोटाले का मामला सामने आया है। इसके लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने रामपुर से काठगोदाम के बीच बनाए जा रहे फोरलेन वाली एनएच-87 प्रोजेक्ट में धांधली के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कुमाऊं के मंडलायुक्त डी पांडियन सेंथिल को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कार्ट ने राज्य सरकार को 24 मार्च तक अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए भी कहा है।

एनएच-87 में धांधली का मामला

गौरतलब है कि एनएच-87 में हुई धांधली के खिलाफ भूमि एवं पर्यावरण संरक्षण के सचिव राजेंद्र कुमार सती ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि हल्द्वानी से होकर गुजरने वाले एनएच-87 पर रामपुर-काठगोदाम सेक्शन के चौड़ीकरण के प्रोजेक्ट के लिए 15 अगस्त, 2015 को अधिसूचना जारी की गई थी। सड़क के चौड़ीकरण के लिए जो भी प्रावधान किए गए थे उनमें से कइयों का उल्लंघन किया गया है। अपनी याचिका में उन्होंने यह भी कहा कि जिन किसानों की भूमि ली गई उसका स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है कि उनसे कौन सी भूमि ली गई है। बता दें कि इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ एवं न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।


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इससे पहले एनएच-74 में हुआ घोटाला

जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रोजेक्ट में अधिकारियों की ओर से कहीं पर चैड़ीकरण और कहीं पर नया राजमार्ग के नाम अलग अलग माप की भूमियों का अधिग्रहण कर लिया गया है। आपको बता दें कि एनएच 74 के भूमि अधिग्रहण मामले में विशेष भूमि आध्याप्ति अधिकारी डीपी सिंह एवं नेशनल हाइवे अथॉरिटी के कई अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने नोटिफिकेशन की विधिक कमियों व संबंधित अधिकारियों की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए राज्य सरकार को मामले में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। 

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