देहरादून। उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री के चयन के साथ एक और नई परंपरा की शुरुआत हो चुकी है। प्रदेश के इतिहास में पहली बार विधायक दल से चुना गया व्यक्ति मुख्यमंत्री बना है। अब से पहले तक जितने भी मुख्यमंत्री बने वे सभी राज्य पर थोपे गए। चाहे वे एनडी तिवारी हों या बीसी खंडूरी या पर हरीश रावत। सभी जनभावनाओं को एक तरफ रखकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए।
भाजपा ने की नई पहल
गौरतलब है कि राज्य में बनने वाले मुख्यमंत्रियों में से डाॅक्टर रमेश पोखरियाल निशंक ही ऐसे व्यक्ति रहे जिन्हें विधायकों के बीच में चुना गया लेकिन कुछ समय बाद उनकी जगह बीसी खंडूरी को एक बार फिर से राज्य की कमान सौंप दी गई। इस बार भाजपा ने नई पहल करते हुए विधायक दल से ही मुख्यमंत्री चुनने का निर्णय किया। पार्टी के सभी 57 विधायकों से बातचीत के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को विधायक दल का नेता चुना गया।
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ट्रैफिक भी रहेगा डायवर्ट
मुख्यमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह के लिए तीन हजार निमंत्रण पत्र प्रशासन के पास पहुंच गए हैं। विधायकों की ओर से वीआईपी पास के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा कई प्रमुख नेताओं के मौजूद रहने की संभावना जताई जा रही है। इसे देखते हुए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रशासन ने अपनी तरफ से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। दोपहर से देहरादून में ट्रैफिक डायवर्जन का भी प्लान जारी कर दिया गया है।