देहरादून। प्रदेश में बीमार लोगों को सरकार की तरफ से बड़ी राहत दी गई है। जी हां, दून में मरीजों के लिए जरूरी सभी दवाएं अस्पताल से मुफ्त में मिलेगी। उन्हें बहार से दवाइयां नहीं खरीदनी पड़ेगी। अब तक सिर्फ 43 तरह की दवाएं ही अस्पतालों में उपलब्ध होती थी। अब दून के अस्पताल में 733 दवाओं का स्टाक उपलब्ध रहेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में दून अस्पताल को गाइडलाइन भेज दी हैं। यहां आपको बता दें कि जो कंपनियां दून अस्पताल को दवाइयां मुहैया कराती हैं वे शर्तों के मुताबिक अस्पताल को दवाएं नहीं दे रहीं हैं। वहीं एक अन्य फैसले में यह कहा गया है कि ड्यूटी से गायब रहने वाले चिकित्सा स्टाफ को ज्यादा ड्यूटी करनी पड़ेगी।
कंपनियां शर्तों के मुताबिक नहीं दे रहीं दवाएं
गौरतलब है कि दून अस्पताल को अभी तक आईडीपीएल समेत सात पब्लिक सेक्टर यूनिट कंपनियों से दवा की आपूर्ति होती रही है। कंपनियों के साथ हुए शर्तों के तहत 103 तरह की दवाएं दून अस्पताल के स्टॉक में होनी चाहिए थी लेकिन कंपनी केवल 43 दवा ही उपलब्ध कराती है। हालांकि इसके पीछे कंपनी पहले दी गई दवाओं का भुगतान न होना बताती है।
मुफ्त में मिलेगी दवाएं
यहां गौर करने वाली बात यह है कि अस्पताल में दवा मुहैया न होने की वजह से मरीजों को दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती थी। केन्द्र की तरफ से की गई पहल से उन मरीजों को फायदा होगा जो महंगी दवा का खर्च नहीं उठा पाते हैं। अब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमसीआई के जरिए सभी दवाओं की सूची मांगी है। अब अस्पताल में 733 तरह की दवाएं उपलब्ध होंगी और मरीजों को मुफ्त में दी जाएगी।
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मरीजों का रखा जाएगा रिकाॅर्ड
अस्पताल में आने वाले मरीजों का रिकाॅर्ड भी रखा जाएगा। मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया के निर्देश के बाद ओपीडी में तीन पर्चियों की व्यवस्था शुरू की जा रही है। इसमें से एक मरीज के पास, एक डाॅक्टर के पास और एक अस्पताल के रिकॉर्ड में रखा जाएगा। ऐसा होने से उन डाॅक्टरों पर लगाम लगाई ज सकेगी जो दवा कंपनियों कमीशन के चक्कर में बाहर की दवाएं लिख देते हैं।
डाॅक्टर नहीं होंगे सस्पेंड
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के औचक निरीक्षण के दौरान ड्यूटी से गायब जूनियर डाॅक्टर और अपनी सेवा ठीक तरीके से नहीं देने वाली नर्स को सस्पेंड नहीं किया जाएगा। पहले तो उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा और उन्हें कुछ दिनों तक 4 घंटे की अतिरिक्त ड्यूटी करनी पड़ेगी। ऐसा नहीं करने पर उनके निलंबन के बारे में विचार किया जाएगा।