रुद्रप्रयाग। इन दिनों उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जोरों पर है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के चलते अब वहां श्रद्धालुओं को खाने और रहने में परेशानी होने लगी है। हालांकि केदारनाथ में व्यवस्था की देखरेख करने वाले गढ़वाल मंडल विकास निगम वहां हर चीज के पर्याप्त मात्रा में होने का दावा कर रहा है।
यात्रियों को परेशानियों का सामना
गौरतलब है कि चारधाम यात्रा के लिए हर रोज हजारों की तादाद में श्रद्धालु रोजाना उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। इसके अलावा धाम में प्रशासन, पुलिस, अन्य विभागों के कर्मचारी, स्थानीय व्यापारी एवं तीर्थ पुरोहितों को मिलाकर 15 हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है। यात्रियों की बढ़ती संख्या के मुताबिक धाम में रसोई गैस, खाद्यान्न व सब्जियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में यात्रियों को भोजन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। बावजूद इसके गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) पर्याप्त मात्रा राशन उपलब्ध होने का दावा कर रहा है।
दुकानों में सामान की कमी
आपको बता दें कि केदार सभा के अध्यक्ष एवं व्यापारी विनोद शुक्ला का कहना है कि केदारनाथ में राशन के साथ ही रसोई गैस की किल्लत भी पैदा हो गई है। सरकार ने इस बार भी राशन की कोई नई दुकान नहीं खोली, जिससे स्थानीय व्यापारियों के सामने दिक्कतें पेश आ रही हैं। राशन की जो दुकानें खोली गई थी उनमें इतना सामान नहीं था कि वह जरूरतों को पूरा कर सके। इस वजह से यात्रियों को खाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। गौरीकुंड व्यापार संघ के अध्यक्ष ने जलद राशन मुहैया कराने की मांग की है वहीं जीएमवीएन ने पर्याप्त मात्रा में राशन होने का दावा किया है। आपको बता दें कि केदारनाथ में रोजाना करीब 8 हजार श्रद्धालु भोजन कर रहे हैं।
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सरकार ने नहीं भेजा राशन
यहां गौर करने वाली बात यह है कि केदारनाथ में आपदा आने से पहले सरकार यात्रा मार्ग पर खाद्यान्न उपलब्ध कराती थी। साथ ही व्यापारियों के लिए अलग से यात्रा कोटा भी रखा जाता था। इसमें मिट्टी तेल भी शामिल था लेकिन, आपदा के बाद यह व्यवस्था ठप पड़ गई। इस बार केदारपुरी समेत यात्रा पड़ावों पर स्थानीय लोग बड़ी संख्या में दुकानें संचालित कर रहे हैं, लेकिन उन्हें राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। ऐसे में यात्रियों की संख्या बढने से समस्या गहराने लगी है।
लगातार रखी जा रही नजर
रुद्रप्रयाग के जिला पूर्ति अधिकारी किशोरी लाल के मुताबिक सरकारी राशन महंगा पड़ने से राशन यात्रा मार्गों पर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। केदारनाथ व अन्य पड़ावों में राशन की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। वहां स्थानीय स्तर पर भी राशन की दुकानें खुली हैं।