पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पंचाचुली के जंगलों में भीषण आग लग गई है। कस्तूरी मृग और अन्य वन्य जीवों के अवैध शिकार के लिए जंगल की तलहटी में आग लगाए जाने की आशंका जताई जा रही है। अवैध शिकार की वजह से आग लगाने की घटना पर वन विभाग मंगलवार को वन पंचायत सरपंचों के साथ बैठक करेगा। बता दंे कि पहाड़ों पर बर्फ जम जाने की वजह से खाने की तलाश में कस्तूरी मृग, मोनाल, हिरन, घुरड़ और काकड़ आदि वन्यजीव तलहटी की ओर आते हैं। ऐसे में वन्यजीवों के शिकारियों के द्वारा इन्हें तलहटी से निकालने के मकसद से यहां आग लगाई गई है। एसडीएम केएन गोस्वामी ने वन रेंजर पूरन सिंह देउपा को आग पर काबू पाने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले भी उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग लगने की घटना सामने आई थी जिसमें भारी मात्रा में वन संपदा और वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा था। जंगलों की आग बुझाने के लिए वायुसेना के हैलीकाॅप्टरों से भी पानी की बारिश की गई थी। अब एक बार फिर से अवैध तस्करों के द्वारा शीतकाल में वन्य जीवों का शिकार करने के मकसद से पंचाचुली के जंगलों में आग लगाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
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यहां बता दें कि एडीएम ने वन रेंजरों को फौरन आग पर काबू पाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने आग लगाने वालों पर वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज करने एवं वन्य जीव-जंतुओं का शिकार रोकने के लिए मंगलवार को वन पंचायत सरपंचों के साथ बैठक कर ठोस रणनीति बनाने के भी निर्देश दिए हैं।
आपको बता दें कि मुन्स्यारी से करीब 40 किलोमीटर दूर इस क्षेत्र में आबादी नहीं है। पांच चोटियों, बुग्यालों और देवदार के जंगल के कारण यह जगह पर्वतारोहण और ट्रैकिंग करने वालों की पसंदीदा जगह है। ऐसे में एक बार फिर से अवैध शिकारियों के द्वारा जंगली जानवरों का श्किार करने के मकसद से आग लगाई गई है।