अल्मोड़ा।
प्रदेश के जंगलों में लगने वाली आग को बुझाने के लिए वन विभाग की तरफ से फायर वाचर की तैनाती तो कर दी गई लेकिन उन्हें पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। ऐसे में उनके सामने अब रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। अब वे जंगलों में लगी आग को कैसे बुझाएंगे। विभागीय अफसरों का कहना है कि फायर वाचरों की तनख्वाह के लिए शासन स्तर पर डिमांड की गई थी लेकिन शासन का कहना है कि फिलहाल उनके पास बजट नहीं है।
बजट की कमी
गौरतलब है कि फायर सीजन शुरू होने पर पहाड़ के जंगलों में आग लगना आम बात है। वन विभाग ने आग बुझाने के लिए करीब 423 फायर वाॅचर की तनाती तो कर दी लेकिन उन्हें उनका मेहनताना नहीं मिल रहा है। हालत ऐसी है कि इन वनकर्मियों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है। शासन में विभाग की ओर से इनकी सैलरी के लिए दो बार मांग रखी जा चुकी है लेकिन वहां से बजट नहीं होने की बात कही जा रही है।
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विभाग का आश्वासन
लंबे समय से बिना तनख्वाह के जंगलों की निगरानी कर रहे फायर वाचरों के सामने अब रोजी-रोटी की समस्या खड़ी होने लगी है। फायर वाचरों का कहना है कि तीन महीने से वह यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें तनख्वाह जल्द मिल जाएगी। इस संबंध में विभाग से भी कहा गया, जवाब में विभाग का कहना है कि शासन स्तर से बजट ना होने की बात कही जा रही है। बजट मिलते ही सभी फायर वाचरों को उनकी तनख्वाह आवंटित कर दी जाएगी।
‘‘फायर वाचरों की तनख्वाह के लिए शासन स्तर पर डिमांड रखी गई थी लेकिन शासन ने फिलहाल बजट न होने की बात कही है। उम्मीद है जल्द ही बजट उपलब्ध होगा और फायर वाचरों को उनकी तनख्वाह दी जाएगी।’’
- एसआर प्रजापति, डीएफओ