देहरादून। सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की हर मुमकिन कोशिशें कर रही है। एक नए फैसले के तहत अब सरकार ने सभी विभागों से जीएसटी में पंजीकरण कराने को कहा है। इसके बाद विभाग के आहरण और वितरण अधिकारी(डीडीओ) को जीएसटिन नंबर जारी हो जाएगा। इसके आधार पर विभाग, ठेकेदारों और सप्लायरों से 2 फीसदी टीडीएस काटकर रकम जीएसटी में जमा कराएगा।
टैक्स की दर बढ़ी
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार के द्वारा 1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी की व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसमें ठेकेदारों लिए टैक्स दर भी बढ़ा दी गई है। अभी तक इन्हें 2 से 6 फीसदी तक टैक्स देना होता था लेकिन जीएसटी में उनके लिए टैक्स की दर 18 फीसदी कर दी गई है। अब उन्हें हर महीने के 20 तारीख को अनिवार्य रूप से टैक्स जमा करना होगा। देरी करने पर टैक्स भी उसी हिसाब से जमा करना होगा।
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ठेकेदारों को कोई छूट नहीं
जीएसटी के तहत सभी सरकारी विभागों को पंजीकरण कराने और भुगतान करने पर दो महीने तक टीडीएस न काटने की छूट दी गई है लेकिन ठेकेदारों को इस मामले में कोई छूट नहीं दी गई है। उन्हें हर हाल में महीने की 20 तारीख से पहले भुगतान करना ही होगा।
करोड़ों का घाटा
यहां बता दें कि सरकारी विभागांे में जीएसटी को लेकर अभी भी स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं है। कई विभाग पंजीकरण न होने से भुगतान नहीं कर रहे। इसके चलते लोक निर्माण विभाग और सिंचाईके साथ निर्माण करने वाले विभागों में करोड़ों का भुगतान लटका हुआ है। अपर आयुक्त पीयूष कुमार ने बताया कि विभाग दो महीने तक बिना पंजीकरण के भी भुगतान कर सकते हैं।