देहरादून। एनसीईआरटी की किताबों को राज्य में सरकार और निजी प्रकाशकों के बीच तनातनी जारी है। एनसीईआरटी की किताबों को लागू करने पर हाईकोर्ट से राहत चुकी सरकार अब रेफरेंस बुक को लेकर पर प्रकाशकों पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है। हाईकोर्ट से रेफरेंस बुक लगाने की रियायत पा चुके निजी स्कूल महंगी किताबें लागू करने की राह तलाश रहे हैं। उधर सरकार ने साफ किया है कि बेहद जरूरी रेफरेंस बुक ही स्वीकार होंगी एवं उनका दाम भी एनसीईआरटी किताबों के मूल्य के आसपास होना चाहिए। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अनावश्यक किताबें देने पर कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल को अंतरिम आदेश देते हुए निजी प्रकाशकों को रेफरेंस बुक लगाने की छूट दी थी। इसके साथ ही इस बात का भी निर्देश दिया था कि किताबों की कीमतें एनसीईआरटी की किताबों से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। निजी प्रकाशकों ने भी कोर्ट के सामने इस बात को माना था, अब इस बात के यह मायने निकाले जा रहे हैं कि प्रकाशक किताब में पेज की संख्या बढ़ाकर ज्यादा पैसे वसूल सकते हैं।
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ऐसे में सरकार का कहना है कि प्रकाशक ऐसा कर छात्रों पर किताबों का बोझ बढ़ा सकते हैं। इस वजह से अब उन पर सख्ती जरूरी है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि किताबें हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हीं किताबों के रेफरेंस बुक लगाने की इजाजत होगी जो बहुत ज्यादा जरूरी हो। अनावश्यक किताबें देने पर कार्रवाई की जाएगी।