देहरादून। एक तरफ भारी बारिश और भूस्खलन ने राज्य के लोगों की परेशानी बढ़ा रखी है वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए मौजूदा सरकार पर हमला जारी रखा है। हरदा ने अपने पेज पर लिखा है कि बारिश और भूस्खलन से प्रभावित हुए लोगों को मुआवजा न देना का आरोप लगाया है। सरकार पर तंज करते हुए उन्होंने लिखा कि अगर ‘मैं पहले वाला हरीश रावत होता तो अभी तक प्रभावित इलाकों में पहुंच गया होता लेकिन भाजपा सरकार की तरफ से ऐसा नहीं किया जा रहा है।’
नहीं पहुंचा सरकार का प्रतिनिधि
गौरतलब है कि हरीश रावत ने कहा कि उनकी सरकार ने भूस्खलन प्रभावितों की मुआवजा राशि को ढाई से तीन गुना तक बढ़ा दिया लेकिन भाजपा सरकार में ऐसा नहीं हो रहा है। हरदा ने इस संबंध में अपने फेसबुक पेज पर लिखा कि बरसात में पहाड़ों में भूस्खलन और उसमें दबकर के मरने की घटनाएं हर वर्ष होती है। मानवीय संवेदना का उच्चतम रूप भी देखने को मिलता है जब राज्य सरकार और निजी संस्थाएं मिलकर राहत और बचाव कार्य में मदद करते थे। फिलहाल उत्तराखंड का मुनस्यारी इलाका भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित है लेकिन वहां तक अभी न तो कोई मदद पहुंची है और न ही सरकार का कोई प्रतिनिधि ही लोगों का हाल जानने पहुंचा है। मैं राज्य सरकार से भी प्रार्थना करना चाहता हूं कि वो तत्परता से ऐसे परिवारों की सहायता के लिए आगे आएं।
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मदद नहीं मिलने पर चिंतित
हरदा ने सोशलमीडिया पर यह भी लिखा कि उनकी सरकार ने हादसों को अलग-अलग श्रेणी में बांट दिया था। कई मामलों में मुवावजे की राशि को ढाई गुना से तीन गुना तक बढ़ा दिया था। जहां किसी के घर में दरार होती थी, उसको आंशिक क्षति माना जाता था, हमने कहा यदि दरार से भवन की स्थिरता खतरे में है तो ऐसे मकान को पूर्ण क्षतिग्रस्त माना जाएगा और भवन बनाने के लिए धनराशि को तीन गुना हमने बढ़ा दिया। उन्होंने कोटद्वार में बादल फटने की घटना से प्रभावित लोगों तक कोई मदद न पहुंचने पर चिन्ता जाहिर की है।