नैनीताल। पुलिस हिरासत में हुई एक किशोर की मौत के मामले पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही प्रदेश सरकार को पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के आदेश दिए हैं। मृतक के पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की संयुक्त खंडपीठ ने यह आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने लिया संज्ञान
गौरतलब है कि काशीपुर के बैलजुड़ी थाना कुंडा निवासी जियाउद्दीन रजा(16) को पुलिस ने 23 फरवरी 2017 को हिरासत में लिया था और 28 फरवरी को उसकी मौत हो गई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में ‘इन द मैटर ऑफ कस्टोडियल डेथ’ के तहत स्वतः संज्ञान भी लिया था, वहीं मृतक के पिता मोहम्मद यामीन ने भी याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि हिरासत में किशोर के साथ मारपीट की वजह से उसकी मौत हो गई। इस मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश देने की गुहार लगाई गई थी।
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सरकारी कार्रवाई काफी नहीं
आपको बता दें कि घटना का पता चलने के बाद सरकार ने संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की रिपोर्ट कोर्ट में दी, लेकिन कोर्ट ने इसको पर्याप्त नहीं माना है। अब संयुक्त खंडपीठ ने मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए हैं।
संविदा शिक्षकों पर जवाब
वहीं एक अन्य फैसले में न्यायमूर्ति राजीव कुमार शर्मा व न्यायमूर्ति आलोक शर्मा की खंडपीठ ने राज्य के डिग्री काॅलेजों में संविदा शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर स्थायी नियुक्ति देने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर सरकार और अन्य पक्षकारों को तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है। इस मामले में चमोली के सचिन सेमवाल ने याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने 2010 में नियुक्त संविदा प्रवक्ताओं को स्थायी नियुक्ति दे दी है, जो यूजीसी के नियमों के खिलाफ है।