देहरादून। डीएवी पीजी कॉलेज में फर्जीवाड़े को लेकर कॉलेज प्रशासन सख्त हो गया है। एलएलबी प्रथम सेमेस्टर में फर्जी नामांकन रद्द करने के बाद अब बीए, बीएससी और बीकॉम में हुए एडमिशनों की जांच के भी आदेश दिए हैं। काॅलेज के प्राचार्य ने इसके लिए खुली जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों पर फर्जीवाडे़ में शामिल होने का संदेह है उनके खिलाफ गोपनीय कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के साथ उन्होंने छात्रों से भी इसमें सहयोग करने की अपील की है। इसके बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
फर्जी नामांकन कराने वालों पर कार्रवाई
गौरतलब है कि डीएवी पीजी काॅलेज में नामांकन को लेकर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। अब काॅलेज प्रशासन ने इसकी जांच कराने के आदेश दिए हैं। काॅलेज के प्राचार्य डाॅक्टर देवेन्द्र भसीन ने फर्जी तरीके से एडमिशन लेने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। प्राचार्य ने कॉलेज के छात्रों एवं आम लोगों से अपील की है कि फर्जी एडमिशन को लेकर जो जानकारी किसी के पास है, वह गोपनीय रूप से दे सकते हैं। उनका नाम, पता गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रथम वर्ष में प्रत्येक कक्षाओं में 14 सौ प्रवेश हुए हैं। मेरिट में आने के लिए अंक तालिका में हेरफेर की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
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वेटिंगलिस्ट वालों को मिलेगी प्राथमिकता
प्राचार्य डाॅक्टर देवेन्द्र भसीन ने कहा कि फर्जी एडमिशन रद्द होने के बाद 18 सीटें खाली हुई हैं। इन सीटों पर नए सिरे से एडमिशन दिलाने के लिए विवि से अनुमति मांगी जाएगी। इसमें वेटिंगलिस्ट वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। आपको बता दें कि डीएवी पीजी कॉलेज से एलएलबी करने को लेकर हर साल युवाओं में होड़ रहती है। मगर सीटें सीमित होने से एडमिशन नहीं मिल पाता है।
पुलिस ने शुरू की जांच
डालनवाला इंस्पेक्टर यशपाल बिष्ट का कहना है कि फर्जी नामांकन के सिलसिले में मुकदमा दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में कॉलेज की जांच कमेटी ने जो फर्जी दस्तावेज पकड़े हैं, उनके जरूरी सबूत जुटाए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय से फर्जीवाड़े को लेकर मिले पत्रों को भी जांच में शामिल किया जाएगा। सबूत जुटाने के बाद आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी। इसमें पूरे मामले में कोई गिरोह शामिल है या नहीं, पुलिस इसकी भी जांच कर रही है। आरोपी छात्रों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों और अन्य गतिविधियों पर जांच की जाएगी।