हल्द्वानी। जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को आतंकियों से लोहा लेते हुए भारतीय सेना के एक मेजर समेत दो जवानों ने अपनी शहादत दी है। बता दें कि आंतकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर कमलेश पांडे का ताल्लुक उत्तराखंड के हल्द्वानी के ऊंचापुल इलाके से है और वे 62 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। मेजर कमलेश सैनिकों के साथ दक्षिण कश्मीर के शोपियां इलाके में आतंकवादियों की तलाश में जुटे थे उसी वक्त आतंकियों ने भारी गोलीबारी शुरू कर दी। वहीं दूसरी तरफ कुलगाम जिले में आतंकी हमले में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है। यह सूचना जब कमलेश के घर में लगी तो परिजनों में कोहराम मच गया। उनके घर मिलने वालों की भीड़ जमा हो गई। बताया जा रहा है कि आतंकी भागने में सफल हो गए।
ये भीं पढ़ें - कुलगाम में दो आतंकी ढेर, शोपियां में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में मेजर और एक जवान शहीद
इलाके की घेराबंदी
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस को शोपियां के जायपोरा इलाके में आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी। उसके बाद सुरक्षा बलों के द्वारा रात को ही इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया। अपने आपको घिरता देख आतंकियों ने सेना पर फायरिंग शुरू कर दी। सेना ने भी जवाबी फायरिंग की। दोनों तरफ से हुई भयंकर फायरिंग में मेजर कमलेश पांडे और दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें श्रीनगर के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
ये भी पढ़ें - राजकीय वाद्ययंत्र और उसे बजाने वालों के संरक्षण के लिए संस्कृति विभाग कर रहा है अनूठी पहल, शु...
शहादत को सलाम करने उमड़े लोग
आपको बता दें पुलवामा में लश्कर के आतंकी अबू दुजाना को सेना ने मार गिराया था उसके बाद से घाटी में आतंकियों ने अपने हमले तेज कर दिए थे। आतंकी सेना से सीधी लड़ाई के बजाय रिहाइशी इलाकों की तरफ रुख कर रहे हैं। ऐसे में सेना को कार्रवाई करने में थोड़ी दिक्कतें पेश आ रही हैं। मेजर कमलेश की शहादत की खबर मिलते ही लोगों का हुजूम उनकी घर पर उमड़ पड़ा।