देहरादून। उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस के एम जोसेफ की सर्वोच्च अदालत में पदोन्नती का रास्ता और कठिन हो सकता है। गौर करने वाली बात है कि जस्टिस चेलमेश्वर शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके सेवानिवृत्त होते ही काॅलेजियम की स्थिति एक बार फिर से बदल जाएगी। जस्टिस चेलमेश्वर के सेवानिवृत्त होने के बाद मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय कोलेजियम में जस्टिस एके सीकरी शामिल हो जाएंगे। कोलेजियम में जस्टिस सीकरी के शामिल होने के बाद जस्टिस जोसेफ के नाम पर नए सिरे से पुनर्विचार की आवश्यकता हो सकती है।
गौरतलब है कि कोलेजियम के अन्य सदस्यों में जस्टिस रंजन गोगोई, मदन बी लोकूर और कुरियन जोसेफ शामिल हैं। बता दें कि पिछले महीने हुई कोलेजियम की बैठक में जस्टिस केएम जोसेफ को पदोन्नती देकर सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाने की सिफारिश पर सहमति जताई गई थी लेकिन जोसेफ के नाम की सिफारिश करने के बारे में कोई निर्णय नहीं हो सका था।
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यहां बता दें कि कोलेजियम ने 16 मई को अपनी अगली बैठक में यह कहते हुए फिर फैसला टाल दिया था कि इस मामले में और विचार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उच्च न्यायालयों के उन मुख्य न्यायाधीशों तथा जजों के नाम पर भी व्यापक विचार किया जाना चाहिए जिनका सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व नहीं है।
गौर करने वाली बात है कि केंद्र ने 26 अप्रैल को जस्टिस केएम जोसेफ को पदोन्नति देने संबंधी सिफारिश की फाइल पुनर्विचार के लिए कोलेजियम को यह कहते हुए लौटा दी थी कि यह प्रस्ताव शीर्ष अदालत के मानदंडों के अनुरूप नहीं है। यही नहीं, सरकार ने फाइल लौटाते हुए उच्च न्यायालय के जस्टिस में जस्टिस जोसेफ की वरिष्ठता पर भी सवाल उठाए थे।