देहरादून। प्रदेश में शिक्षकों की पदोन्नती का रास्ता लगभग साफ हो गया है। राज्य में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को कोर्ट से 2 महीने की छूट मिल गई है। इससे सरकार को भी काफी राहत मिली है। अब शिक्षा विभाग ने अपना सारा ध्यान स्थायी नियुक्तियों पर केंद्रित कर लिया है। सरकार ने लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ चयन आयोग से सीधी भर्ती के प्रस्तावों पर जल्द से जल्द कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया है। वहीं दूसरी तरफ, 50 फीसदी पदों को प्रमोशन कोटे से भरने की कसरत भी शुरू कर दी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि दोनों मंडलीय अपर निदेशक से प्रमोशन के लिए पात्र हो चुके शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी गई है। पदोन्नती की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू कर दी जाएगी।
हाईकोर्ट से मिली 2 महीने की छूट
गौरतलब है कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कांग्रेस सरकार ने अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था शुरू की थी। हाईकोर्ट ने उनकी नियुक्तियों को असंवैधानिक करार दिया था। इसके साथ ही 31 मार्च 2017 के बाद इनकी सेवाएं समाप्त करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद हजारों शिक्षकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई थी। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में विशेष अपील पर सुनवाई के बाद इसे 2 महीने के लिए छूट दे दी गई।
सीधी भर्ती का अनुरोध
आपको बता दें कि 11 अप्रैल को आए हाईकोर्ट के फैसले में अतिथि शिक्षक व्यवस्था को मई 2017 तक ही बरकरार रखने की छूट दी गई है। दो महीने बाद इनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। इसके बाद शिक्षा विभाग ने सीधी भर्ती के जरिए शिक्षकों के पदों को भरने का फैसला लिया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि सीधी भर्ती के लिए विभाग ने लोक सेवा आयोग को प्रवक्ता के 915 पद और एलटी कैडर में 1300 पदों की भर्ती का प्रस्ताव भेजा था। अब भर्ती की कार्रवाई जल्द शुरू करने का अनुरोध किया गया है।
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अभी करना होगा इंतजार
कोर्ट ने अतिथि शिक्षकों को भले ही 2 महीने की रियायत दी है लेकिन नौकरी पर लौटने को उन्हें अभी इंतजार करना होगा। उनकी सेवाएं 31 मार्च 2016 को खत्म हो चुकी हैं। अब दो महीने के लिए सरकार को नया शासनादेश जारी करना होगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि इसके लिए प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है।
बेसिक शिक्षकों की भी होगी पदोन्नती
यहां बता दें कि माध्यमिक स्तर पर खाली पदों को भरने के लिए प्रवक्ता कैडर में पदोन्नती करनी होगी। इससे निचले स्तर पर भी पद खाली होंगे। ऐसे में बेसिक शिक्षकों की पदोन्नती की संभावना भी बढ़ जाएगी।