हरिद्वार। उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार एक के बाद एक हरीश रावत सरकार के फैसले को बदलती जा रही है। अब उन्होंने प्रदेश की धार्मिक संपत्ति पर पिछली सरकार द्वारा लगाए गए व्यावसायिक टैक्स को खत्म करने की घोषणा की है। यह घोषणा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने संतों के आशीर्वाद कार्यक्रम में दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2021 में होने वाले कुंभ के लिए इसी साल से तैयारी शुरू कर दी जाएगी। इसके साथ मुख्यमंत्री ने कहा की तीन तलाक राज्य में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
धार्मिक स्थलों के टैक्स माफ
गौरतलब है कि पिछली हरीश रावत सरकार ने राज्य के आश्रम, अखाड़ों और धर्मशालाओं पर व्यावसायिक कर लगाया था। संतों को आश्रम, अखाड़ों के अलावा खाली पड़ी जमीन का भी नगर निगम को टैक्स चुकाना पड़ रहा था। संतों ने कर लगाने का विरोध भी किया था। कई बार साधु संत तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी मिले थे लेकिन टैक्स माफ नहीं हुआ। त्रिवेन्द्र रावत सरकार ने कहा कि आश्रम और धार्मिक संपत्तियों पर व्यावसायिक कर उचित नहीं है। सरकार आज ही व्यावसायिक कर को खत्म करने की घोषणा करती है। हालांकि उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार एक बार धार्मिक संपत्तियां जाकर देखेगी। साधु-संतों ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर खुशी जताई है।
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तीन तलाक बर्दाश्त नहीं
तीन तलाक के मुद्दे पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत काफी सख्त नजर आए। उन्होंने कहा कि देवभूमि में तीन तलाक बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रुड़की के नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि तीन तलाक महिलाओं पर ज्यादती है। मुख्यमंत्री तीन तलाक के समर्थकों को सलाह देते हुए कहा कि तलाक के जरिए वे महिलाओं पर अत्याचार कर रहे हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तीन तलाक को जायज नहीं ठहराया जा सकता है।