कोटद्वार। आज जहां शिक्षा दिन ब दिन महंगी होती जा रही है। वहां बेहतर शिक्षा की चाहत रखने वाले आर्थिक रूप से कमजोर छात्र के लिए कोटद्वार के शैवाल रावत किसी देवदूत से कम नहीं हैं। सरकार की तरफ से उच्च शिक्षा या शोध करने वाले कमजोर छात्रों को मदद दिए जाने का प्रावधान है लेकिन कई बार अफसरशाही के चक्कर में यह रकम उनतक नहीं पहुंच पाता है। नतीजा यह होता है कि उनके सपने हकीकत बनने से पहले ही टूट जाते हैं। शैवाल ऐसे बच्चों को मुफ्त शिक्षा देकर एक मिसाल कायम कर रहे हैं।
संवार रहे बच्चों के भविष्य
आपको बता दें कि शैवाल रावत मूल रूप से कोटद्वार के रहने वाले हैं और सूचना और प्रौद्यागिकी क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। उनका जन्म एक जनवरी 1985 को हुआ। शैवाल की स्नातक तक की शिक्षा कोटद्वार में हुई। इस क्षेत्र से जुड़े होने के कारण शैवाल दुबई, जर्मनी, जापान, कुवैत और मलेशिया जैसे देशों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। अगर शैवाल चाहते तो विदेशों में रहकर ही ऐशोआराम की जिन्दगी जी सकते थे लेकिन बेहतर करियर को छोड़कर उन्होंने अपनी मिट्टी में लौटकर ऐसे बच्चों का भविष्य संवारने का निश्चय किया, जिनके सपनों के परवान चढ़ने में पैसा रोड़ा बन जाता है।
आॅनलाइन शिक्षा दे रहे
गौरतलब है कि शैवाल रावत प्रदेश के स्कूलों में घूम-घूमकर देश के लिए भावी वैज्ञानिक बच्चों को ढूंढ़ रहे हैं। वर्तमान में शैवाल 12 जरूरतमंद मेधावियों को मुफ्त में विज्ञान के गुर सिखा रहे हैं। यहां बता दें कि अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर शैवाल ने साल 2014 में ही अपने कुछ मित्रों के सहयोग से कोटद्वार में ‘डीसेंट बग इन्फोटेक प्रा.लि.’ के नाम से अपनी कंपनी शुरू की। फिलहाल वे वेबसाइट डेवलप करने के साथ ही ऑनलाइन एजुकेशन भी देते हैं। इसके अलावा वह तकनीकी शिक्षा हासिल करने वाले नौजवानों को विज्ञान में भी पारंगत कर रहे हैं। पिछले तीन साल में शैवाल पॉलीटेक्निक एवं बीटेक के 100 से अधिक बच्चों को कोचिंग दे चुके हैं।
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मेधावी बच्चों को मुफ्त कोचिंग
आपको बता दें कि भविष्य में वैज्ञानिक बनने का सपना संजोये निर्धन मेधावियों बच्चों को शैवाल अपने घर में ही बनाई गई प्रयोगशाला में न सिर्फ विज्ञान की बारीकियों से अवगत कराते हैं, बल्कि उन्हें प्रैक्टिकल प्रशिक्षण दे रहे हैं। यहां बता दें कि शैवाल रावत से शिक्षा हासिल करने वाले छात्रों ने दिल्ली में आयोजित आईआईटी वर्कशॉप में हिस्सा लिया और रोबोट पर प्रजेंटेशन देकर खूब वाहवाही भी लूटी थी। वर्तमान में शैवाल लकड़ी के थ्री-डी पेंटिंग प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं।