देहरादून। राज्य के शिक्षकों और कर्मचारियों ने सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया है। इन लोगों ने सरकार से अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) की जगह पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की है। तपोवन स्थित राजीव नवोदय विद्यालय में हुई राज्य स्तरीय बैठक में एक स्वर में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की गई। सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि एनपीएस को खत्म कराने के लिए राज्य में भी बड़े स्तर पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों के वेतन मामले को लेकर गंभीरता दिखाई है। स्कूली शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे ने इसके लिए शिक्षा निदेशक और वित्त नियंत्रक को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
आंदोलन करेंगे शिक्षक
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 2005 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत इन कर्मचारियों की सेवा पूरी होने के बाद उन्हें मासिक पेंशन की जगह एकमुश्त रकम दे दी जाएगी। अब शिक्षकों और कर्मचारियों ने सरकार की इस योजना का विरोध करना शुरू कर दिया है। देहरादून के तपोवन में स्थित नवोदय विद्यालय में राज्य स्तर के शिक्षकों और कर्मचारियों की बैठक हुई। इसमें पुरानी पेंशन योजना के लिए आंदोलन करने के लिए 20 सदस्यीय कोर कमेटी गठित की गई है। यह निर्णय लिया गया कि अगर सरकार पुरानी पेंशन योजना को शुरू नहीं करती है तो सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा।
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योजना कर्मचारियों के हित में नहीं
कोर कमेटी के प्रभारी रघुवीर सिंह बिष्ट ने कहा कि एनपीएस में कर्मचारी को एक तय राशि अंशदान के रूप में देना होता है जबकि पहले इस तरह की व्यवस्था नहीं थी। कर्मचारियों को सभी भत्ते भी मिलते थे और पेंशन भी लेकिन अब 60 फीसदी भुगतान मिलता है और 40 फीसदी पर पेंशन का निर्धारण होता है। यह सरकारी योजना कर्मचारियों के लिए फायदेमंद नहीं है।
अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों को जल्द मिलेगा वेतन
वहीं दूसरी तरफ सहायता प्राप्त अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों के वेतन संकट को सरकार ने गंभीरता से लिया है। बता दें कि इंटर कालेज से संबद्ध प्राइमरी के शिक्षकों को मार्च से वेतन नहीं मिला है। शिक्षकों की परेशानियों के देखते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा निदेशक और और वित्त नियंत्रक को तत्काल उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री के पीआरओ नरेंद्र तिवारी ने माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष संजय बिजल्वाण और जिला मंत्री अनिल नौटियाल को फोन पर इसकी जानकारी दी। तिवारी ने शिक्षकों को आश्वस्त किया शिक्षा मंत्री ने मामले में अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। इस पर जिला मंत्री नौटियाल ने मंत्री का आभार जताया है। नौटियाल का कहना है कि शिक्षक पूरी मेहनत से अपने फर्ज को अंजाम देते हैं लेकिन समय पर वेतन न मिलने से उनका मनोबल टूटने लगता है।