गोपेश्वर। उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था को स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक ही पलीता लगा रहे हैं। चमोली जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक शिक्षा) नरेश कुमार हल्दियानी ने कर्णप्रयाग विकासखंड के प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण में इस बात का खुलासा हुआ है। अधिकारी जब कर्णप्रयाग के एक स्कूल में पहुंचे तो पता चला कि 40 से 50 हजार रुपये वेतन लेने वाली शिक्षिका ने दिहाड़ी मजदूरी पर एक युवक को पढ़ाने के लिए रखा हुआ था। प्रधानाध्यापिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
दिहाड़ी पर रखा युवकों को
गौरतलब है कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार की तरफ से भरपूर कोशिशें की जा रहीं हैं। स्कूली शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद चमोली के जिला शिक्षा अधिकारी ने जब विकास खंड कर्णप्रयाग के प्राथमिक विद्यालय भकुंडा, जूनियर हाईस्कूल भकुंडा और प्राथमिक विद्यालय लंगासू का औचक निरीक्षण किया तो पता चला कि वहां पर कार्यरत प्रधानाध्यापिका शशि कंडवाल विद्यालय में नहीं थीं।
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प्रधानाध्यापिका को किया गया निलंबित
आपको बता दें निरीक्षण में पता चला कि करीब 50 हजार रुपये महीने का वेतन लेने वाले इन मैडम ने अपनी जगह इलाके के कुछ युवकों को दिहाड़ी पर स्कूल में पढ़ाने के लिए रखा हुआ था। जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि प्रधानाध्यापिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्हें उपशिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा कर्णप्रयाग कार्यालय में संबंद्ध किया गया है। प्रकरण की जांच के लिए उप शिक्षा अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त कर प्रकरण के जांच के निर्देश दे दिए गए हैं।