देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षकों और सरकार के बीच अब भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य में शिक्षक नेताओं के तबादले का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शिक्षक संगठनों ने अपने दोनों नेताओं के तबादले को निरस्त करने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट मंे जाने की चेतावनी दी है। बता दें कि तबादला एक्ट में शिक्षक-कर्मचारी संगठन नेताओं को पद पर रहने की अवधि में तबादले से मुक्त रखा गया है। इसके बावजूद राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष केके डिमरी व महामंत्री सोहन सिंह माजिला का तबादला कर दिया गया।
गौरतलब है कि तबादला एक्ट के तहत दोनों शिक्षक नेताओं का तबादला 28 जुलाई को कर दिया गया। शिक्षक संगठनों की ओर से कहा गया है कि तबादला करने के दौरान इस बात का भी कोई ख्याल नहीं रखा गया कि इन्हें जिस जगह पर भेजा जा रहा है वहां पर जगह खाली है या नहीं। बताया जा रहा है कि महामंत्री सोहन सिंह माजिला को नैनीताल में जिस जगह पर ज्वाइन करने के लिए भेजा गया वहां जगह खाली ही नहीं थी। ऐसे में वे ज्वाइन नहीं कर पाए और पिछले 4 महीनों से उन्हें वेतन भी नहीं दिया जा रहा है।
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यहां बता दें कि राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष केके डिमरी के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को सुनवाई करने के निर्देश दिए थे लेकिन सरकार ने उसकी अनदेखी कर अपने आदेश को बरकरार रखा। अब शिक्षक संगठनों ने अपने नेताओं के तबादले को रद्द करने की मांग करते हुए सरकार को कोर्ट जाने की चेतावनी दी है।