Saturday, May 4, 2024

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आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 1 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का आरोप

अंग्वाल न्यूज डेस्क
आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 1 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता का आरोप

देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा आखिरकार पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं। विश्वविद्यालय में कई घोटालों और वित्तीय अनियमितताओं का आरोप इन पर था और जुलाई से ही विजिलेंस विभाग के द्वारा उनकी जांच की जा रही थी। जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद विजिलेंस ने मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ पिछले माह मुकदमा दर्ज किया था। अब उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके हर घोटाले और वित्तीय अनियमितताओं में बचकर निकल जाने का सिलसिला भी खत्म हो गया है। 

गौरतलब है कि विजिलेंस की जांच में मृत्युंजय मिश्रा पर फर्जी यात्रा बिल, खरीद फरोख्त में गड़बड़ी के जरिए करीब एक करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी के आरोपों की पुष्टि हुई है। गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम ने उनके घर और विश्वविद्यालय में भी छानबीन की है। आज उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। यहां बता दें कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव रहते हुए मिश्रा पर कई तरह की अनियमितताओं का आरोप लगा था। विश्वविद्यालय के कुलपति के द्वारा आंतरिक जांच के आदेश भी दिए गए थे। इसमें उनपर लगे आरोपों की पुष्टि हुई थी। 

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यहां बता दें कि विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद कुलपति ने शासन के स्तर को वैधानिक जांच के लिए पत्र लिखा। जुलाई में विजिलेंस विभाग के इस मामले की जांच कर 3 महीने के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया था। अब विजिलेंस की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2013 से 2017 तक कुलसचिव रहते हुए मृत्युंजय मिश्रा ने फर्जी कई फर्जी यात्राएं दिखाई और उनका बिल अपने खाते में ले लिया। 


आपको बता दें कि मृत्युंजय मिश्रा पर विश्वविद्यालय के लिए मंगाए सामानों में भी अनियमितता बरती। इस फंड के साथ गड़बड़झाला करने के मकसद से आपूर्तिकर्ता के फर्जी खाते खुलवाए और उनमें सामानों की कीमत से ज्यादा रकम मंगवाए जिसे बाद में मिश्रा के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। इसी तरह से अलग-अलग अनियमितताओं के पैसे परिवार के अन्य लोगों के खाते में जमा करवा दिए। 

गौर करने वाली बात है कि नवंबर में शासन से मिश्रा की गिरफ्तारी की अनुमति मांगी गई थी। अनुमति मिलने के बाद मिश्रा व अन्य के खिलाफ 17 नवंबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक षडयंत्र), 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 व 471 (कूटरचना से संबंधित) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। शासन के आदेश पर ही सोमवार शाम 4 बजे मिश्रा को ईसी रोड स्थित एक साइबर कैफे से गिरफ्तार कर लिया गया। देर रात तक उनके घर और दफ्तर पर भी विजिलेंस की छापेमारी की गई है। 

विजिलेंस के अधिकारी ने बताया कि छापेमारी में कई पासबुक और बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। अब इनकी जांच की जाएगी।

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