देहरादून। उत्तराखंड के नंधौर अभयारण्य के कोर जोन में ही टाईगर रिजर्व का निर्माण किया जाएगा। राज्य वाइल्ड लाइफ समिति की बैठक में इस बात का निर्णय लेते हुए करीब 578 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र अभयारण्य में से कम कर दिया गया है। हालांकि इस बात का स्थानीय लोगों के द्वारा पुरजोर विरोध भी किया जा रहा है। उनका कहना है कि टाईगर रिजर्व के बनने से खनन का काम प्रभावित होगा जिससे उनके लिए रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो जाएगी।
गौरतलब है कि नंधौर वन्यजीव अभयारण्य अपनी जैव विविधताओं के चलते काफी मशहूर है। बता दें कि साल 2012 में नंधौर को वन्य जीव अभयारण्य बनाया गया था। एक साल पूर्व नंधौर में टाइगर रिजर्व बनने का प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें नंधौर वन्य जीव अभयारण्य (269.95 वर्ग किलोमीटर) और इको सेंसिटिव जोन (578 वर्ग किलोमीटर) को मिलाकर टाईगर रिजर्व प्रस्तावित था। हाल ही में नंधौर को टाईगर रिजर्व बनाने को लेकर वन विभाग ने क्षेत्रवासियों से रायशुमारी कराई गई जिसमंे बड़ी संख्या में लोगों ने इसका विरोध किया।
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आपको बता दें कि स्थानीय लोगों के विरोध के बाद अब 578 वर्ग किलोमीटर जमीन को टाईगर रिजर्व क्षेत्र से हटाया दिया गया है। अब इसके बाद टाईगर रिजर्व का क्षेत्र अभयारण्य के दायरे में ही होगा। वन्य जीव अधिकारियों का मानना है कि टाईगर रिजर्व के बनने से खनन पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। उनका कहना है कि केन्द्र के नियमों के अनुसार टाईगर रिजर्व क्षेत्र के 10 किलोमीटर के बाहर खनन का कार्य किया जा सकता है। इससे उनकी रोजगार पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ेगा।