देहरादून । उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के लिए मतदान में अब सिर्फ दो सप्ताह का समय शेष रह गया है । नामांकन के बाद अब नाम वापसी का समय भी खत्म हो गया है । ऐसे में टिकट न मिलने से नाराज और अपना नामांकन भर चुके नेताओं को मनाने के लिए भाजपा और कांग्रेस अपना पूरा जोर लगा रही हैं । सियासी दल अपने नाराज और बागी हो चुके नेताओं को मनाने के लिए अब उनके सियासी गुरुओं और करीबियों से मदद की गुहार लगा रहे हैं । जहां भाजपा ने अपने पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत केंद्र तक के नेताओं को इस काम में लगाया हुआ है , वहीं कांग्रेस को भी अपने बागियों को मनाने के लिए काफी दम लगाना पड़ रहा है ।
विदित हो कि नामांकन दाखिल होने के बाद से ही सियासी दलों ने अपने नाराज और नामांकन दाखिल करने वालों की लिस्ट बनाना शुरू कर दिया । इन नाराज और बागी तेवरों वाले नेताओं को मनाने की जुगत जारी है । जहां पिछले दिनों खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी समेत राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उन लोगों को मनाते नजर आए , जो या तो टिकट कटने से खासे नाराज हो गए हैं और वो जो टिकट न मिलने से बागी हो गए हैं । सीएम धामी ने तो यहां तक कह दिया है कि जिन लोगों को संगठन की रणनीति पर अमल करने के लिए टिकट नहीं मिल पाए , उन लोगों को पार्टी में सम्मान दिया जाएगा ।
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हालांकि भाजपा अपने नेताओं की एक फौज ऐसे लोगों को मनाने में लगा चुकी है जो नाराज या बागी हो गए हैं । इन लोगों को मनाने के लिए उनके राजनीतिक गुरुओं के साथ ही उनके करीबी संबंधियों से गुहार लगाई जा रही है । कुछ ऐसा ही हाल कांग्रेस का भी है ।
हालांकि अभी तक सामने आई खबरों के मुताबिक , कुछ नेताओं को मनाने में तो पार्टियों को सफलता मिल गई है , लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़ों से साफ होगा कि आखिर में कितने बागी अभी भी मैदान में खड़े रहकर अपना दावा ठोक रहे हैं। इन दिग्गज नेताओं के सामने रही चुनौती
नैनीताल की लालकुआं सीट पर कांग्रेस से पूर्व सीएम हरीश रावत पार्टी के उम्मीदवार हैं । लेकिन कांग्रेस की ही संध्या डालाकोटी हरदा को चुनौती दे रही हैं । पहले संध्या को टिकट दिए जाने का ऐलान कर दिया गया था लेकिन बाद में बदले सियासी समीकरणों में उनका टिकट कट गया , जिसके चलते वह खासी नाराज हैं । वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर चुकी हैं । इसी सीट पर भाजपा के पवन चौहान और कुंदन सिंह मेहता भी निर्दलीय नामांकन कर चुके हैं ।
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- इसी क्रम में रामनगर सीट से कांग्रेस के संजय नेगी, पूर्व सांसद और पार्टी प्रत्याशी महेंद्र पाल को चुनौती दी ।
- हरिद्वार की ज्वालापुर सीट से कांग्रेस नेता एसपी सिंह, रानीपुर से इशांत तेजीयान, पिरान कलियर से बीजेपी के साल 2017 में प्रत्याशी रहे भगवाल सैनी बागी होकर मैदान में कूदे ।
- टिहरी की घनसाली से पूर्व विधायक भीम लाल आर्य कांग्रेस से बागी होकर चुनाव मैदान में उतरे ।
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- इसी सीट से भाजपा के सोहन लाल खंडेवाल और दर्शनलाल, धनौल्टी से भाजपा के पूर्व विधायक महावीर रांगड़ चुनाव मैदान में हैं ।
- पौड़ी की कोटद्वार सीट से बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष धीरेंद्र चौहान बगावती हो चुकी हैं ।
- इसी क्रम में उत्तरकाशी की यमुनोत्री सीट से पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री जगवीर सिंह भंडारी भाजपा के बागियों में शुमार हो गए हैं।
- इसी सीट से साल 2017 में कांग्रेस प्रत्याशी रहे संजय डोभाल भी बागी रुख अख्तियार कर चुके हैं ।
- भीमताल से मनोज साह, कालाढूंगी से पूर्व प्रदेश महामंत्री गजराज बिष्ट निर्दलीय चुनाव में ताल ठोकी । गजराज बिष्ट ने तो कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत के खिलाफ ताल ठोकी ।
- ऊधम सिंह नगर जिले में तो भाजपा ने रुद्रपुर से सिटिंग विधायक राजकुमार ठुकराल का टिकट काट दिया, जिससे राजकुमार ठुकराल नाराज होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूदे।
- इसी क्रम में किच्छा सीट से भाजपा के अजय तिवारी, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री हरीश पनेरू बागी होकर चुनाव मैदान में कूदे । हरीश पनेरू ने कांग्रेस प्रत्याशी और पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष तिलकराज बेहड़ के सामने मुश्किल पैदा की ।
- चमोली की कर्णप्रयाग सीट से टीका राम मैखुरी भाजपा से बगावत कर चुके हैं ।
- रुद्रपुर प्रयाग से पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी कांग्रेस से बगावत कर चुनाव मैदान में कूदे ।
- अल्मोड़ा से भाजपा के दीपक करगेती, द्वाराहाट से कैलाश भट्ट, बागेश्वर से कांग्रेस के भैरलनाथ पार्टी से बगावत कर नामांकन भरा ।
- ऋषिकेश से पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता शूरवीर सिंह सजवाण टिकट न मिलने से नाराज हैं । इसी क्रम में ऋषिकेश से ही भाजपा की उषा रावत भी बागी रुख में नजर आईं।
- देहरादून की डोईवाला विधानसभा से जितेंद्र नेगी, सुभाष भट्ट और सौरभ थपलियाल भाजपा से नाराज हुए।
- सहसपुर से कांग्रेस के बागी अकील अहमद, धर्मपुर विधानसभा से भाजपा नेता वीर सिंह पंवार, कैंट से भाजपा नेता दिनेश रावत, राजपुर से कांग्रेस नेता संजय कन्नौजिया, कैंट से कांग्रेस नेता चरणजीत कौशल, रायपुर से कांग्रेस नेता सूरत सिंह नेगी पार्टी प्रत्याशी का विरोध करते हुए अपने नामांकन दाखिल किए ।