देहरादून। महिला तकनीकी संस्थान (डब्ल्यूआईटी) के तीन दर्जन से ज्यादा संविदा शिक्षकों और लैब टेक्नीशियनों ने संस्थान की निदेशक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ये शिक्षक और लैब टेक्नीशियन कैंपस में निदेशक को पद से हटाने की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए हैं। इन शिक्षकों का आरोप है कि निदेशक तकनीकी विश्वविद्यालय सभी नियमों को ताक पर रखते हुए शिक्षकों की नियुक्ति कर रहे हैं। संस्थान में संविदा पर नियुक्त शिक्षक पांच सालों से ज्यादा का समय बिता चुके हैं लेकिन नियमित नियुक्ति के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा में संविदा शिक्षक को मौका ही नहीं दिया गया। शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि बाहर से पांच शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई। धरने पर बैठे शिक्षकों में रेणू सचान, विजय सैणी, अरुण धीमान और तनवी कौर ने आरोप लगाया कि निदेशक ने उन्हें बायोमैट्रिक से हाजिरी भरने से रोक दिया। शिक्षकों का कहना है कि निदेशक के इस रवैये को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संविदा पर काम करने वाले शिक्षकों ने यह भी आरोप लगाया कि निदेशक जबरन उनसे पीएबीएस का फार्म भरवाना चाहती है ताकि वे स्थायी होने का दावा ही न कर सकें। उन्होंने कहा कि जब तक निदेशक को हटाया नहीं जाएगा, वह धरना समाप्त नहीं करेंगे। दूसरी तरफ संस्थान की निदेशक अलकनंदा अशोक ने शिक्षकों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे उनपर दवाब बनाना चाहते हैं और तकनीकी विश्वविद्यालय के इंटरव्यू में शामिल ही नहीं होना चाहते हैं। इन टीचरों ने इंटरव्यू के फाॅर्म भी नहीं भरे हैं जबकि संविदा शिक्षक, सरकार के नियम-कानूनों के तहत ही स्थायी होते हैं।
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