नई दिल्ली। कालेधन पर रोक लगाने के मकसद से सरकार ने हजार और पांच सौ के पुराने नोटों को बंद कर दिया। इसके बाद रिजर्व बैंक ने पांच सौ रुपये के नए नोट बाजार में उतारे हैं। प्रिंटिंग की गलती की वजह से बाजार में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। आइए हम आपको बताते हैं कि किन वजहों से ऐसी स्थिति पैदा हो गई हैं।
गांधीजी के प्रतिबिंब में अंतर
अगर आप दोनों नोटों को ध्यान से देखें तो आपको पता चलेगा कि नोट की पहचान वाला स्ट्रिप दोनों नोटों में अलग-अलग है। एक में आपको ये स्ट्रिप गांधीजी की फोटो के बिल्कुल पास है तो एक में ये थोड़ा दूर है। 500 के एक नोट में गांधीजी का प्रतिबिंब दिख रहा है। दूसरे में ये नहीं दिख रहा है। दोनों नोटों में वाॅटर मार्क भी अलग-अलग दिख रहे हैं।
छपाई में अंतर
नीचे लिखे सीरियल नंबरों पर नजर डालें तो दोनों नोटों में ये अलग दिख रहा है। एक में नंबर गहरे रंग से प्रिंट हुआ है वहीं दूसरे नोट में ये काफी हल्का रंग है। स्ट्रिप पर छपे अशोक स्तंभ से पर नजर डालें तो दोनों नोटों में इसकी भी छपाई अलग है। रिजर्व बैंक के लोगो की छपाई भी अलग है।
रिजर्व बैंक की सफाई
बाजार में इन नोटों को लेकर नकली होने की अफवाहें उड़ रही हैं। रिजर्व बैंक ने इस स्थिति को साफ कर दिया है। बैंक ने कहा कि प्रिंटिंग की दिक्कत के चलते ऐसा हुआ है। दोनों नोट असली हैं। अगर आपको परेशानी हो तो आप इसे आरबीआई को लौटा सकते हैं।