नई दिल्ली । भारतीय वायुसेना के गत मंगलवार को लापता हुए लड़ाकू विमान सुखोई का मलबा मिल गया है। मलबा चीन बॉर्डर के पास असम के तेजपुर के निकट मिला है। हालांकि विमान में सवाल दो पयलटों के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। जांच एजेंसियां मलबा मिलने के बाद अपने पायलटों को खोजने में जुट गई है लेकिन उनके बारे में अभी तक कोई सुराग तक हाथ नही लगा है। बता दें कि गत मंगलवार सुबह तेजपुर एयरबेस से इस सुखोई विमान ने उड़ान भरी थी, जिसका उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद ही रड़ार और रेडियो से संपर्क टूट गया था। इस लड़ाकू विमान की अंतिम लोकेशन चीन सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश के डौलासांग इलाके में दर्ज की गई थी।
ये भी पढ़ें- ईवीएम हैकिंग मामला : अब तक किसी दल ने नहीं किया आवेदन, आज है आवेदन की अंतिम तारीख
बता दें कि सुखोई-30 लड़ाकू विमान में बैठकर मंगलवार सुबह दो पायलटों ने तेजपुर एयरबेस से नियमित अभ्यास उड़ान भरी थी। विमान करीब पौने दो घंटे तक उड़ाने भरने के दौरान तो रड़ार और रेडियो के संपर्क में रहा लेकिन कुछ देर बाद लड़ाकू विमान का रड़ार और रेडियो से संपर्क टूट गया। विमान के लापता होने की सूचना होने पर वायुसेना की टीम ने अपने विमान और पायलटों की खोजबीन में काफी तफ्तीश की लेकिन को सुराग हाथ नही लगा।
ये भी पढ़ें- अमेरिका के जंगी जहाज ने दक्षिण चीन सागर में घुसकर चीन को दी चुनौती
अब जाकर सुखोई-30 का मलबा चीन बॉर्डर के करीब से बरामद हुआ है , लेकिन अभी भी दोनों पायलटों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। न ही उनके पास में कोई सुराग ही हाथ लगा है। बता दें कि 400 करोड़ की लागत वाले इस सुखोई विमान का निर्माण रूसी कंपनी सुखोई एविएशन कॉरपोरेशन ने किया है। भारत की रक्षा जरूरतों के लिए लिहाज से यह लड़ाकू विमान काफी अहम साबित होता है लेकिन इन विमानों के लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने से एक बार फिर भारतीय वायुसेना के माथे पर चिंता के बल आ रहे हैं।
ये भी पढ़ें - ब्रिटेन में और जगह हो सकते हैं आतंकी हमले, कई जगहों पर ब्रिटिश आर्मी तैनात