नई दिल्ली।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में छेड़छाड़ करके दिखाने की चुनाव आयोग की चुनौती में शामिल होने के लिए अभी तक किसी भी दल ने आवेदन नहीं किया है। चुनाव आयोग की तरफ से हैक करने वाले एक्सपर्ट के नामांकन की आज अंतिम तारीख है और अब तक किसी पार्टी की ओर से किसी का भी नाम सामने नहीं आया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने ईवीएम को हैक करने के आरोपों के बाद ईवीएम हैकाथॉन कराने की घोषणा की थी। चुनाव आयोग ने इसके लिए आवदेन करने की अंतिम ताारीख 26 मई घोषित की थी। लेकिन 25 मई तक किसी भी दल ने इसके लिए आवेदन नहीं किया था।
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चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि अब तक किसी पार्टी ने किसी भी एक्सपर्ट को इसके लिए नामित नहीं किया है। बता दें कि चुनाव आयोग ने 20 मई को ईवीएम चैलेंज 3 जून से कराने की घोषणा की थी। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि चुनौती स्वीकार करने वाले दल को पांच राज्यों के किसी भी मतदान केंद्र पर इस्तेमाल की गई ईवीएम को हैक करने की छूट होगी। ऐसे दल अपनी मर्जी से कोई चार ईवीएम चुन सकेंगे। इन्हें हैक करने के लिए चार घंटे का समय दिया जाएगा। हालांकि आयोग ने हैकाथॉन के दौरान ईवीएम के मदर बोर्ड में छेड़छाड़ करने की आम आदमी पार्टी की मांग को ठुकरा दिया है।
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कई पार्टियों ने लगाए थे गड़बड़ी के आरोप
हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, बसपा सहित 16 राजनीतिक दलों ने ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे। उत्तर प्रदेश के चुनाव के बाद बसपा प्रमख मायावती ने कहा था कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है। वहीं दिल्ली नगर निगम चुनाव के बाद आप ने भाजपा की जीत को मोदी लहर की जगह ईवीएम लहर कहा था। इसके बाद आम आदमी पार्टी के एक विधायक ने दिल्ली विधानसभा में ईवीएम जैसी मशीन से छेड़छाड़ करके दिखाई थी।