नई दिल्ली।
सोमवार को भाजपा के कई सांसद राज्यसभा में अनुपस्थित थे। सांसदों की इस अनुपस्थिति का फायदा विपक्ष को मिला और उसका संसोधन बिल राज्यसभा में पास हो गया। इस घटना पर पीएम मोदी ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने इसे गंभीरता से लेते हुए सांसदों को फटकार लगाई है। अमित शाह ने सांसदों से कहा कि भविष्य में ऐसी गलती न दोहराई जाए।
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मंगलवार को भाजपा की बैठक में पार्टी ने आगामी कार्यक्रमों की घोषणा की। बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने राज्यसभा में सांसदों की अनुपस्थिति पर नाराजगी जाहिर की। शाह ने कहा कि सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहना चाहिए था। सभी सांसदों को तीन लाइन की व्हिप का पालन करना चाहिए। सदन शुरू होने से समाप्त होने तक सदन में रहना चाहिए।
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सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने न केवल सांसदों को चेतावनी दी है, बल्कि सोमवार को राज्यसभा में वोटिंग के दौरान नदारद सांसदों को अलग से बुलाने को भी कहा है। सूत्रों ने बताया कि शाह ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि किसी भी सदन में सांसदों का अनुपस्थित रहना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। आप जनता के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि हैं। इससे गलत संदेश गया है।
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बता दें कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के मामले में सोमवार को कई मंत्रियों की गैरहाजिरी के कारण विपक्ष राज्यसभा में संशोधन प्रस्ताव पारित करवाने में कामयाब हो गया। विपक्ष ने नियम तीन को विधेयक से हटवाने के बाद ही अपनी सहमति प्रदान की। सदन ने विपक्ष के संशोधनों के साथ विधेयक को मंजूरी दे दी। विधेयक अब वापस लोकसभा को भेजा जाएगा। 123वें संविधान संशोधन विधेयक के जरिये पिछड़े वर्ग के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाना है।