नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता पर काबिज होने के साथ ही देश में कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था । इसके बाद लगातार वह राज्यों की विधानसभाओं में भाजपा का परचम लहराते रहे और पूरे देश में भगवा रंग को फैलाने में उन्होंने अपनी रणनीतियों के तहत काम किया । पिछले दिनों राजस्थान , मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से पटखनी खाने के बाद भाजपा संभली और अपने कांग्रेस मुक्त भारत के सपने को पूरा करने के लिए फिर से जुट गई ।
अब लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों पर नजर डालें तो पीएम मोदी कई हद तक अपने इस सपने को पूरा करते नजर आ रहे हैं। इस बार दिल्ली , राजस्थान , उत्तराखंड , गुजरात , हरियाणा में जहां भाजपा का सुपड़ा साफ होता नजर आ रहा है , वहीं यूपी-बिहार जैसे बड़े राज्यों में भी कांग्रेस 1-1 सीट के सहारे अपनी राजनीति अस्तित्व को बचाए रखने की जुगत में है ।
राहुल गांधी के दिग्गज एक-एक कर हुए ढेर , हार रहे हैं कांग्रेस के ये दिग्गज
बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से मोदी सुनामी ने विपक्षी दलों को पछाड़ दिया है । भाजपा ने जहां इन चुनावों में अपने 2014 के प्रदर्शन में सुधार किया है, वहीं विपक्षी दलों को ढेर कर दिया है । भाजपा की इस सुनामी में सबसे बड़ी चोट इस बार कांग्रेस और यूपी में समाजवादी पार्टी को भी लगती नजर आ रही है । इस बार के चुनावों में जहां राहुल गांधी की कोर कमेटी के ही कई नेता अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं, वहीं खुद राहुल गांधी इस बार अमेठी सीट को गंवाते नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं उनके राजनीति गुरू कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह खुद भोपाल सीट से हारते दिख रहे हैं। उनके करीबी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही कांग्रेस के कई दिग्गज नेता इस बार अपनी सीट नहीं बचा पा रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी महासचिव हरीश रावत भी इस सुनामी में पस्त हो गए हैं।
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आलम ये है कि दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से जहां कांग्रेस के हाथ एक सीट नहीं लगी है , वहीं गुजरात की 26 में से 26 सीटों पर भाजपा आगे हैं, कांग्रेस वहां एक सीट पर भी आगे नहीं है । इसी क्रम में कई अन्य राज्यों में या तो कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया है , या वह एक-दो सीटों पर आगे हैं।
-हिमाचल की 4 सीटों पर कांग्रेस का सुपड़ा साफ ।
-उत्तराखंड की 5 सीटों पर कांगेसी उम्मीदवार हार की कगार पर ।
- मध्य प्रदेश की 29 सीटों में से मात्र एक सीट पर कांग्रेस आगे ।
-बिहार की 40 सीटों में से एक सीट पर बढ़त बनी है ।
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-उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से मात्र 1 सीट ।
-पश्चिम बंगाल की 42 सीटों में से मात्र 1 सीट ।
- हरियाणा की 10 सीटों में से महज 1 सीट पर मामूली बढ़त ।
- ओडिशा में 20 सीटों में से किसी पर बढ़त नहीं ।
-झारखंड में मात्र 2 लोकसभा सीटों पर आगे ।
-कर्नाटक की 28 सीटों में से महज 3 सीटों पर बढ़त ।