Sunday, April 28, 2024

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केजरीवाल सरकार का 'पार्किंग घोटाला' उजागर, दिल्ली के 11 बस डिपो में खड़ी करवाईं निजी बस ऑपरेटरों की बसें

अंग्वाल न्यूज डेस्क
केजरीवाल सरकार का

नई दिल्ली । दिल्ली सरकार और निजी बस ऑपरेटरों की सांठगांठ का खुलासा एक RTI में हुआ है। सामने आया है कि प्रदूषण से दिल्ली की जहरीली होती आबोहवा पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने पिछले साल सार्वजनिक यातायात के लिए नई बसें खरीदने की बात कही थी, लेकिन बस न खरीद पाने के सवाल पर, सरकार ने जवाब दिया है कि उनके पास नई बसों के लिए पार्किंग की जगह नहीं है। हालांकि आरटीआई में खुलासा हुआ है कि दिल्ली के 11 बस डिपो ऐसे हैं, जहां प्राइवेट बस ऑपरेटरों की कलस्टर बसें खड़ी हो रही हैं। हालांकि इससे पहले अरविंद केजरीवाल सरकार उस समय सवालों के घेरे में आई जब प्रदूषण खत्म करने के लिए पिछले दो साल में उसने 1 करोड़ रुपये भी खर्च नहीं किए लेकिन पर्यावरण टैक्स के नाम पर उसने 787 करोड़ रुपए वसूले।

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बता दें कि संजीव जैन नाम के एक युवक ने दिल्ली सरकार के उस दावे पर सवाल उठाए, जिसमें दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली में नई बसें खरीदे जाने पर कहा कि उनकी पार्किंग के लिए जगह नहीं है। ऐसे में संदीप जैन ने एक RTI लगाई, जिसके जवाब में दिल्ली सरकार और निजी बस ऑपरेटरों के बीच सांठगांठ का खुलासा हुआ है। सामने आया है कि भले ही दिल्ली सरकार नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदने में खुद को असमर्थ बताते हुए इन बसों के लिए पार्किंग नहीं होने की बात कह रही हो, लेकिन आरटीआई के जवाब में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 


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आरटीआई मे खुलासा हुआ है कि दिल्ली के 11 बस डिपो में निजी बस ऑपरेटरों की क्लस्ट बसें खड़ी हो रही है, जबकि सरकार ने अपनी बसें खड़ी करने के लिए पार्किंग नहीं होने की बात कही। इन डिपो में करीब 1651 बसें खड़ी होती है, जबकि इन जगहों पर करीब 10 हजार बसें खड़ी हो सकती है। आरटीआई कार्यकर्ता संजीव का कहना है कि केजरीवाल सरकार और निजी बस ऑपरेटरों के बीच इस सांठगांठ का खुलासा हुआ है, खुद सीएम केजरीवाल के बयान से उनकी इस साजिश का पता चलता है, जिसमे उन्होंने नई बसों के लिए जगह नहीं होने की बात कही है।

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