नई दिल्ली। मुख्य सचिव से कथित मारपीट मामले में आम आदमी पार्टी सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कोर्ट के सामने ऐसे सबूत पेश किए हैं जिससे सरकार का फंसना तय माना जा रहा है। पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया कि सीसीटीवी के समय में 40-45 मिनट का अंतर है जिससे यह साफ होता है कि सीसीटीवी से छेड़छाड़ हुई है। पुलिस ने अदालत में बताया कि इसकी जांच फॉरेंसिक लैब में कराई जाएगी। इस बात पर अदालत ने अपना आदेश कल (27 फरवरी) तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। बता दें कि 19 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास पर आधी रात को मीटिंग के लिए मुख्य सचिव को बुलाकर उनके साथ हाथापाई की गई थी। वहीं दूसरी तरफ आईएएस एसोसिएशन ने भी साफ कर दिया है कि जब तक माफी नहीं मांगी जाएगी किसी तरह की मीटिंग नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार इस बात से पूरी तरह से इंकार करती रही है कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ किसी तरह की मारपीट की गई है वहीं दिल्ली पुलिस की छापेमारी को राजनीतिक साजिश करार दिया है। दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया है कि मुख्यमंत्री के स्टाफ की तरफ से सहयोग नहीं मिलने के बाद ही उन्हें आवास पर जाना पड़ा था।
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बता दें कि मुख्य सचिव ने जिस तरह के आरोप लगाए थे उसके बाद से सीसीटीवी फुटेज की जरूरत थी, पीडब्लूडी से फुटेज मांगने के बावजूद नहीं मिला। पुलिस ने सीएम आवास की सीसीटीवी में 40 से 45 मिनट का अंतर पाया था जो छेड़छाड़ की ओर साफ इशारा कर रहे थे। एक बड़ी बात और जो ‘आप’ के खिलाफ जाती है वह है मुख्यमंत्री के सलाहकार वीके जैन का बयान, जिसमें उन्होंने सीएम और डिप्टी सीएम की मौजूदगी में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट की बात कही गई थी।