नई दिल्ली। मुस्लिम महिलाओं की अस्मिता से जुड़े तीन तलाक के मुद्दे पर लोकसभा में गुरुवार को बहस हो रही है। सदन में बिल पर बोलते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा लाया जा रहा बिल किसी समुदाय, धर्म या आस्था के खिलाफ नहीं है। यह तो महिलाओं के अधिकार और न्याय का बिल है। एआईएमआईएम के नेता असदउद्दीन ओवैसी और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने इसे संयुक्त चयन समिति को भेजने की मांग की है जबकि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे पर आज ही बहस कराने की मांग की है। बता दें कि कांग्रेस इस मामले में पहले ही कह चुकी है कि सरकार को धार्मिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।
गौरतलब है कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बिल है और इसके विस्तृत अध्ययन की जरूरत है। ऐसे में इसे संयुक्त चयन समिति को भेजा जाना चाहिए। बता दें कि सत्ता पक्ष के नेता और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सिर्फ राजनीतिक कारणों से तीन तलाक बिल को नहीं रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा दुनिया के 20 इस्लामिक देशों ने इस पर प्रतिबंध लगाया हुआ है तो भारत जैसा धर्म निरपेक्ष देश क्यों नहीं कर सकता है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पाकिस्तान ने तो 1956 में ही इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। गौर करने वाली बात है कि उन्होंने कहा इस मसले को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।
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यहां बता दें कि इससे पहले राफेल और कावेरी जल विवाद को लेकर काफी हंगामा हुआ था जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया था। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा कि आपने तो सदन चलाने का आश्वासन दिया था लेकिन खुद ही हंगामा कर रहे हैं। इस पर खड़गे ने कहा कि सदन चलाया जाएगा लेकिन सरकार राफेल डील की जांच के लिए जेपीसी का गठन करे।