लखनऊ। अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक बार फिर से ऐसा बयान दिया है जिससे वे सुर्खियों में आ गए हैं। रिजवी ने कहा कि पाकिस्तानपरस्त मुसलमान अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं होने देना चाहते हैं। इसके सबूत के तौर पर भारत के कट्टरपंथी मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में पाकिस्तान की पार्टी मुस्लिम लीग कायदे आजम के झंडे देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसे कट्टरपंथी मुसलमान धार्मिक झंडा बताते हैं, जो भारतीय संविधान के खिलाफ है। इस बात को लेकर रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही यूपी एसटीएफ और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने वसीम रिजवी की हत्या की साजिश रचने वाले दाउद के तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद रिजवी ने सरकार से अपने और परिवार वालों के लिए सुरक्षा की मांग की है। रिजवी ने कहा, एक सेक्यूलर शिया मुसलमान होने के नाते वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं और कट्टरपंथी मुसलमान इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। यही वजह है कि वे उनकी हत्या की साजिश हो रही है।
ये भी पढ़ें - पद की शपथ लेते ही उपमुख्यमंत्री ने दिया विवादित बयान, कठुआ गैंगरेप को बताया ‘छोटी घटना’
यहां बता दें कि वसीम रिजवी ने कहा कि भारत में कुछ कट्टरपंथी मुसलमान आज भी 1906 में बने मुस्लिम लीग का झंडा अपने मकानों और इबादतगाहों पर लगा रहे हैं। हरे झंडे पर चांद तारे का चिह्न कभी भी इस्लामिक चिह्न नहीं रहा है। मुसलमानों के आखिरी नबी ने इस्लाम का जो पहला बैनर बनाया वह काले रंग का सादा बैनर था।