नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के उपचुनाव में भाजपा की हार का खामियाजा प्रशासनिक अधिकारियों को भुगतना पड़ा है। गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देर रात 37 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया। इनमें गोरखपुर सहित 16 जिलों के डीएम और वाराणसी सहित चार मंडलों के आयुक्त शामिल हैं। बता दें कि गोरखपुर में उपचुनाव के परिणाम आने में हो रही देरी के बाद वहां के डीएम राजीव रौतेला पर सवाल उठे थे। जनवरी में ही रौतेला को विशेष सचिव स्तर से सचिव एवं आयुक्त स्तर पर पदोन्नति मिली थी लेकिन उस समय गोरखनाथ मंदिर में खिचड़ी उत्सव, मतदाता सूची पुनरीक्षण, गोरखपुर महोत्सव और फिर गोरखपुर उपचुनाव के मद्देनजर उन्हें नहीं हटाया गया। सत्तारूढ़ दल की ओर से भी रौतेला की कार्यप्रणाली पर ऊंगली उठाई जा चुकी है। इस वजह से उनका तबादला कर दिया गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने गोरखपुर, महराजगंज, बरेली, पीलीभीत, सीतापुर, बलिया, हाथरस, सोनभद्र, चंदौली, अमरोहा, हापुड़, बलरामपुर, भदोही, चित्रकूट, आजमगढ़, अलीगढ़ के मौजूदा डीएम को हटाकर नए अफसरों को तैनाती दी है। इनमें गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला को हटाकर देवीपाटन का मंडलायुक्त बनाया गया है। रौतेला पिछली सरकार के समय रामपुर में अवैध खनन से जुड़े मामले को लेकर चर्चा में हैं और हाईकोर्ट भी उनके खिलाफ सख्त टिप्पणी कर चुकी है। रौतेला की जगह के. विजयेंद्र पांडियन गोरखपुर के नए डीएम बनाए गए हैं।
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यहां बता दें कि कासगंज हिंसा पर फेसबुक पर टिप्पणी करने वाले बरेली के डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह को हटाकर कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा में विशेष सचिव बनाया गया है। वहीं अलीगढ़ के डीएम हृषिकेश भास्कर यशोद को अंतर्राज्यीय प्रतिनियुक्ति पर महाराष्ट्र के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है।
यह बात भी गौर करने वाली है कि पीएम के संसदीय क्षेत्र में पीएम आवास योजना के रफ्तार नहीं पकड़ने की वजह से मुकुल सिंघल से आवास विभाग छीनकर वाराणसी के कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण को दे दिया गया है।