श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने अपने बिखरते कुनबे को जोड़ने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अपने ही विधायकों द्वारा पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने और पार्टी में भाई-भतीजावाद का आरोप लगाने के बाद पहले महबूबा मुफ्ती के मामा और पार्टी के उपाध्यक्ष सरताज मदनी के इस्तीफे के बाद अब उनके सभी पदाधिकारियों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि महबूबा मुफ्ती पर अपने ही रिश्तेदारों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया जा रहा है।
गौरतलब है कि राज्य में भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद पीडीपी के अंदर भी उथल-पुथल मच गई थी। प्रदेश में सरकार के गिरने के बाद पीडीपी के नाराज नेताओं ने महबूबा मुफ्ती के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था। उनके ही पार्टी के नेता इमरान अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा था कि सिर्फ अपनों से घिरी रहती हैं और दूसरों की बातें सुनती ही नहीं हैं। अंसारी ने तो यहां तक कहा था कि प्रदेश में जल्द ही नई सरकार बन सकती है।
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यहां बता दें कि घाटी में एक बार फिर से सरकार बनाने और उनके विधायकों को तोड़ने का आरोप पीडीपी ने सीधे भाजपा पर लगाया और केंद्र सरकार को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। अब अपने ही नेताओं द्वारा पार्टी में सगे-संबंधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाने के बाद पहले पार्टी के उपाध्यक्ष और महबूबा मुफ्ती के मामा सरताज मदनी ने इस्तीफा दे दिया और अब पार्टी के सभी पदाधिकारियों ने भी एक साथ इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि महबूबा ने पार्टी को टूटने से बचाने तथा बागी विधायकों के पार्टी में बने रहने के लिए यह कदम उठाया है।