नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए सपा-बसपा गठबंधन के ऐलान ने न चाहते हुए भी भाजपा की पेशानी पर बल ला दिए हैं। अब इस चुनौती से निपटने के लिए पार्टी के अंदर मंथन शुरू हो गया है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने विस्तारकों, प्रदेश अध्यक्ष, संगठन मंत्री और सह प्रभारियों के साथ मैराथन बैठक कर पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी के साथ आए गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित वोटों को हर हाल में सहेजने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि सपा-बसपा ने लोकसभा के बाद भी गठबंधन को आगे जारी रखने की बात कही है।
गौरतलब है कि शनिवार को लखनऊ में सपा और बसपा के अध्यक्षों ने लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया था। इस गठबंधन के बनने के बाद भाजपा की ओर से भले ही चिंता करने की कोई बात नहीं कही गई लेकिन अंदर उनके नेता भी थोड़े चिंतित नजर आए। हालांकि पार्टी ने गठबंधन से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है।
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यहां बता दें कि भाजपा ने सपा-बसपा के गठजोड़ की ओबीसी-दलित गठबंधन के रूप में धारणा न बने, इससे बचने के लिए इसे यादव-जाटव गठबंधन के रूप में प्रचारित करने की भी रणनीति बनाई है। आपको बता दें कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सभी विस्तारकों से हर हाल में 50 फीसदी मत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंकने का भी निर्देश दिया है।