Saturday, May 18, 2024

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दीपावली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा हो गई है जानलेवा, प्रदूषण का स्तर 6 गुना तक बढ़ा

अंग्वाल न्यूज डेस्क
दीपावली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा हो गई है जानलेवा, प्रदूषण का स्तर 6 गुना तक बढ़ा

नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर की जहरीली होती आबोहवा में सुधार के लिए पिछले कुछ सालों में जहां NGT कई तरह के आदेश जारी कर चुका है वहीं एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने इस दीपावली पर पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया दिया है। कोर्ट ने यह प्रतिबंध यह जानने के लिए लगाया है कि क्या सही में पटाखों से निकलने वाला धुंआ आबोहवा को जहरीला बना रहा है। लेकिन दीपावली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सोमवार सुबह आनंद विहार और आसपास के इलाकों में हवा में पीएम 2.5 का स्तर 60 के बजाए 118 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और पीएम 10 का स्‍तर 100 के बजाए 691 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया। इतना ही नहीं हवा में नाइट्रिक ऑक्‍साइड का स्‍तर 65 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तो नाइट्रोजन डाईऑक्‍साइड का स्‍तर 143 को भी पार कर गया था। जबकि इन दोनों का मानक स्‍तर महज 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है।

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जानलेवा हैं हवा में तैरते ये कण

विशेषज्ञों की मानें तो हवा में तैरते ये बेहद महीन कण मानव जीवन के लिए काफी हानिकारक हैं। ये कण अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं, वहीं एक साधारण मनुष्य के शरीर में ये कण हमारी सासों के जरिए फैफड़ों तक पहुंचते हैं और उन्हें भारी नुकसान पहुंचाते हैं। सुबह के समय स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी ये कण खतरनाक होते हैं। 

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सर्दियों की दस्तक के साथ आफत


बता दें कि हवा में प्रदूषण का स्तर सर्दी की दस्तक के साथ बढ़ रहा है। बात पिछले पांच महीनों की करें तो इस समय हवा में प्रदूषण का स्तर अपने चरम पर है। गत 6 अक्‍टूबर तक दिल्ली की हवा में एक्‍यूआई का स्‍तर 200 से नीचे था जो शनिवार को 300 के खतरनाक स्‍तर तक पहुंच गया था। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की रिपोर्ट पर यदि नजर डालेंगे तो पता चलता है कि इस दौरान आनंद विहार में पीएम 10 का स्तर 720 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के करीब था। मानकों के तहत यह 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होना चाहिए। 

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कूड़े के पहाड़ों पर लग रही है आग

इस सब के बीच दिल्ली में मौजूद कूड़े के पहाड़ यानी लैंडफिल साइट पर लगी रहने वाली आग भी दिल्ली की आबोहवा को जहरीली बनाने का जिम्मेदार है। इन लैंडफिल साइट पर लगातार आग लगी रहने से जहरीला धुआं निकलता रहता है, जो हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहे हैं। वहीं इन कूड़े के ढेर से अक्सर मीथेन गैस निकलती है। इसकी वजह से गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल साइड पर आग लगने की घटनाएं लगातार होती रहती हैं।

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