नई दिल्ली।
भारत और चीन के बीच सिक्किम से सटी सीमा को लेकर पिछले एक महीने से विवाद चल रहा है। इस विवाद के बीच चीनी मीडिया लगातार भारत के खिलाफ अक्रामक रूख अपनाए हुए है। कभी चीनी मीडिया भारत को सेना वापस बुलाने की धमकी देता है, तो कभी युद्ध की चेतावनी। लेकिन जब भारत पर इसका कोई असर नहीं हुआ, तो चीन की मीडिया ने विवाद के लिए हिंदू राष्ट्रवाद को कारण बता दिया।
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चीन के सरकारी अखबार, ग्लोबल टाइम्स में भारत को लेकर एक नया लेख छपा है। इस लेख में कहा गया है कि भारत में बढ़ते हिंदू राष्ट्रवाद ने पीएम नरेंद्र मोदी की चीन नीति को प्रभावित किया है और यही कारण है कि आज दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है।
अखबार ने लिखा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में हिंदू राष्ट्रवाद की भावनाएं तेजी से बढ़ीं हैं। यही कारण है कि 2014 के बाद से भारत में मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। लेख में कहा गया है कि 1962 में चीन के हाथों मिली हार के बाद कुछ भारतीय वहीं अटके हुए हैं। इसलिए भारत को चीन के हर कदम में संदेह होने लगता है। भारत में राष्ट्रवादी ताकतें चीन के खिलाफ बदला चाहती हैं यही कारण है कि सीमा पर दोनों देशों के बीच में तनाव बढ़ा है।
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लेख में यह भी कहा गया है कि भारत में राष्ट्रवादी ताकतें यह अफवाह फैला रही हैं कि चीन ने चारों तरफ से भारत की घेराबंदी की है, जबकि चीन भारत से मित्रभाव चाहता है और इसीलिए चीन ने भारत को वन बेल्ट, वन रोड में शामिल करने के लिए आमंत्रित किया था।
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अख़बार ने लिखा है, भारत में राष्ट्रवादियों का प्रभाव इस कदर बढ़ रहा है कि भारत की आर्थिक सुधार की गति प्रभावित हो रही है। क्योंकि राष्ट्रवादी ताकतें चीन के खिलाफ बदला चाहती हैं यही कारण है कि सीमा पर दोनों देशों के बीच में तनाव बढ़ा है। इस बार सीमा पर तनातनी भारत की तरफ से पूरी तरह से लक्षित है और यह भारत के धार्मिक राष्ट्रवादियों की मांग पर हो रही है।