Friday, May 3, 2024

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एनएसजी की राह में चीन ने फिर अड़ाया अड़ंगा, बोला- सभी देशों के साथ समान बर्ताव होना चाहिए

अंग्वाल न्यूज डेस्क
एनएसजी की राह में चीन ने फिर अड़ाया अड़ंगा, बोला- सभी देशों के साथ समान बर्ताव होना चाहिए

नई दिल्ली । चीन ने एक बार फिर भारत की न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप  (एनएसजी) में एंट्री पर अड़ंगा लगाया है। चीन ने एक बार फिर भारत की एनएसजी में एंट्री का विरोध करते हुए कहा है कि एनएसजी के नए हालातों में किसी भी नए सदस्य का आना ठीक नहीं होगा। इतना ही नहीं चीन ने कहा कि अगर भारत को सदस्यता दी जा सकती है, तो पाकिस्तान को भी दी जानी चाहिए। वह भी एनपीटी हस्ताक्षरकर्ता नहीं है। ऐसे में एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने वाले सभी देशों के साथ समान तरीके बर्ताव किया जाना चाहिए। चीन हमेशा से 48 देशों की सदस्यता वाले एनएसजी समूह में भारत की सदस्यता का विरोध करता रहा है।

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असल में एनएसजी की सदस्या को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस जैसे अन्य प्रमुख देशों से भारत को समर्थन मिला हुआ है लेकिन हर बार चीन अड़ंगा लगाता है। चीन की सहायक विदेश मंत्री ली हुइलेई ने कहा, एनएसजी की बात की जाए तो हाल के दौर में नई परिस्थितियों में एक नया मुद्दा है और यह पहले की तुलना में कहीं अधिक जटिल है। एनएसजी में प्रवेश के लिए चीन दो चरण वाली प्रक्रिया पर जोर दे रहा है। एनपीटी पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों के दाखिले के लिए इनमें एक कसौटी (दाखिले का मानक) तय करना शामिल है। चीन भारत के मामले की तुलना पाकिस्तान से भी करता है। 


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बता दें कि चीन ने एनएसजी को गैर-भेदभावपूर्ण और सार्वभौमिक रूप से लागू समाधान तक पहुंचने के लिए सभी सदस्यों के परामर्श का समर्थन किया है। चीन का कहना है कि एनएसजी में पुराना जैसा कुछ नहीं है और नए हालातों को देखते हुए जो देश जुड़ना चाहते हैं, वे उस लायक नहीं हैं। 

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