नई दिल्ली । हिमाचल विधानसभा चुनावों के बाद गुजरात में भी दूसरे चरण का प्रचार अभियान खत्म हो गया है। इसके साथ ही कांग्रेस के नवनिर्वाचित पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अब एक नए मिशन पर जुट गए हैं। यह मिशन कुछ और नहीं बल्कि अब 'टीम राहुल' का गठन करना है, जिसके बाद पार्टी की कमान संभालने वाले राहुल गांधी रसातल में जा रही पार्टी को अब बार फिर से उभार सकें। इसके लिए दिल्ली में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। पार्टी की वर्किंग कमेटी इसके लिए एक अहम बैठक कर पार्टी के युवा नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। खबरें हैं कि इस दौरान राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर दबी आवाज में विरोध करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को साइड लगाया जा सकता है, ताकि आने वाले समय में वह राहुल और पार्टी के लिए परेशानी खड़ी न करें। वहीं टीम राहुल को आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए भी बनाया जाएगा, ताकि आगामी 1 साल के अंतराल में पार्टी को मजबूत किया जा सके और लोकसभा चुनावों में बेहतर परिणाम पाए जा सकें।
ये भी पढ़ें- आगरा में किसानों की रैली में गरजे अन्ना हजारे, कहा- देश को मोदी और राहुल की सरकार नहीं चाहिए
युवा टीम बनाना बड़ी चुनौती
बता दें कि करीब दो दशक पहले जब सोनिया गांधी को पार्टी अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी, उस दौरान पार्टी के कई दिग्गज नेता मौजूद थे, जो कांग्रेस को एक खास मुकाम तक लाने में काफी अहम रोल अदा करते आए थे। अब राहुल गांधी को पार्टी का नया अध्यक्ष चुना गया है, ऐसे में इस समय जब पार्टी के कई दिग्गज नेता दिवंगत हो चुके हैं और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता पार्टी से इधर-उधर हो गए हैं, ऐसे में टीम राहुल बनाने के लिए युवा टीम का गठन करना एक बड़ी चुनौती साबित होगा। राहुल गांधी के लिए ऐसे युवा नेताओं को चुनना बड़ी चुनौती होगा, जो सियासी दांवपेच में सुलझे हुए हों, साथ ही राहुल की सोच से सहमत भी हों।
वरिष्ठों का होश-युवाओं का जोश
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार टीम राहुल के लिए संगठन पार्टी में पदाधिकारियों को लेकर कई बड़े बदलाव करने वाला है। अब पार्टी में कुछ चुनिंदा वरिष्ठ नेताओं को पार्टी महासचिव के पद पर मनोनीत करेगी, वहीं पार्टी युवा नेताओं की एक बड़ी टीम को एक बार फिर से पार्टी को उठाने के काम में लगा सकती है। कई युवा नेताओं को अहम जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। ऐसे में पार्टी का कहना है कि इस बार वरिष्ठ नेताओं का होश और युवा कांग्रेसियों का जोश पार्टी को फिर से मजबूत करने के काम में अहम भूमिका निभाएगा।
ये भी पढ़ें- कोयला घोटाले मामले में मधु कोड़ा को बड़ा झटका, सीबीआई की अदालत ने दोषी करार दिया
इन्हें मिल सकती है अहम जिम्मेदारी
इस दौर के युवा नेताओं की बात करें तो इस समय सचिन पायलट, ज्योतिरातित्य सिंघिया, मिलिंद देवड़ा, अशोक तंवर, दिव्या स्पंदना, आरपीएन सिंह, अजय माकन, दीपेंद्र हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला, शर्मिष्ठा मुखर्जी समेत कुछ अन्य ऐसे नेता हैं, जो टीम राहुल गांधी में अहम जिम्मेदारी पाएंगे।
ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में भाजपा की बढ़ सकती हैं मुसीबतें, पार्टी उपाध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर डाली एके-47 के साथ फोटो
प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर देना होगा ध्यान
इस दौरान राहुल गांधी को बतौर पार्टी अध्यक्ष राज्यों की कमेटियों पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। कई राज्यों में प्रदेश कांग्रेस कमेटी या तो अंतरकलह के चलते बिखरी पड़ी है, या कुछ अन्य कारणों से इस समय संगठन कई राज्यों में कमजोर पड़ गया है। ऐसे में राहुल को अपनी टीम बनाने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटियों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत होगी। टीम राहुल में युवाओं को जिम्मेदारी मिलने की बातों के साथ ही खबर है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटियों की कमान भी कुछ राज्यों में युवा नेताओं को दी जा सकती है।
ये भी पढ़ें- बोतलबंद पानी के दामों पर सुप्रीम कोर्ट का केन्द्र को झटका, एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलने पर होटलों-रेस्टोरेंट्स पर कार्रवाई नहीं
विरोधियों पर गिरेगी गाज
इस सब के बीच पिछले कुछ समय में राहुल गांधी की क्षमताओं पर सवाल उठाने वाले या दबी जुबान में नए पार्टी अध्यक्ष को लेकर बयान जारी करने वाले कांग्रेसी नेताओं को दरकिनार किया जाएगा। पार्टी में कुछ वरिष्ठ नेताओं को भी अहम पदों पर रखा जाएगा, ताकि उनके तजुर्बे को युवा टीम भुना सके और एक बार फिर से कांग्रेस को राज्यों में मजबूत स्थिति में ला सके।
ये भी पढ़ें- मोदी सरकार ने दागी सांसद-विधायकों पर कसा शिकंजा, 1 साल में मुकदमे निपटाने को 12 विशेष अदालतों को राजी