नई दिल्ली। इराक में 4 साल पहले आईएसआईएस द्वारा किए गए सामूहिक नरसंहार में मारे गए 38 भारतीयों के अवशेष को लेकर सरकार के मंत्री जनरल वीके सिंह कल भारत आए थे लेकिन अब इसमें एक नया मोड़ आ गया है। अब परिजनों ने शवों को लेने से इंकार कर दिया है। बता दें कि मारे गए लोगों में से 27 पंजाब, 6 बिहार और 4 हिमाचल के थे। सीवान के दो परिवारों ने शवों को लेने से इंकार कर दिया है। वह राज्य सरकार से वित्तीय सहायता का आश्वासन चाहते हैं। इसके अलावा दो परिवार शवों को लेने के लिए ही नहीं पहुंचे।
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गौरतलब है कि एक शव के अवशेष के डीएनए मैच कराने की कोशिश की जा रही है। बिहार के सीवान के मृतक अदालत सिंह के बेटे श्याम कुमार का कहना है कि हम उनके शव को तब तक घर लेकर नहीं जाएंगे जब तक सरकार परिवार को चलाने के लिए आर्थिक मदद देने का आश्वासन नहीं देती है। वहीं सुनील कुमार की पत्नी पूनम देवी का कहना है वह परिवार में अकेले कमाने वाले थे और मैं अब बच्चों को पालने के लिए नौकरी चाहती हूं। मृतकों के परिवार वालों की मांग है कि पंजाब सरकार की तरह बिहार सरकार की ओर से भी उन्हें मुआवजे के साथ नौकरी का आश्वासन दिया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो वह शव को स्वीकार नहीं करेंगे।
परिजनों को सीवान के जिलाधिकारी महेन्द्र कुमार ने समझाते हुए कहा कि नियमों के अनुसार उनकी हर संभव मदद की जाएगी। मारे गए दो नागरिकों के परिवार वाले अपनी मर्जी से शव को लेने नहीं आए और उन्होंने कहा कि वह घर में शवों को प्राप्त करेंगे।