चेन्नई । द्रविड़ मुनेत्र कडगम यानी DMK के मुखिया रहे करुणानिधि का पिछले दिनों निधन हो गया। उनकी मौत के गम से अभी उनके समर्थक और परिजन अबरे भी नहीं थे कि उनकी सियासी बागडोर और उत्तराधिकार को लेकर उनके दोनों बेटों एमके स्टालिन और अलागिरि के बीच विवाद पैदा हो गया है। पिता की मौत के एक हफ्ते के भीतर ही उत्तराधिकार को लेकर दोनों बेटों के बयान आने शुरू हो गए हैं, जिसके चलते डीएमके के भविष्य को लेकर आने वाले दिनों में नई बहस तेज होगी । हालांकि करुणानिधी के समाधिस्थल पर ही उनके बेटे अलागिरि ने दावा किया था कि पार्टी का कैडर मेरे साथ है। यह जो कुछ भी हो रहा है उससे मैं दुखी हूं।
आधा भारत 'जलप्रलय' की दहशत में, 16 राज्यों में कहीं पहाड़ दरक रहे हैं, तो कहीं सड़कों पर बह रहीं नदियां
बता दें कि इन दिनों द्रविड़ मुनेत्र कडगम (डीएमके) की बागडोर और करुणानिधि के उत्तराधिकार को लेकर उनके दोनों बेटों एमके स्टालिन और अलागिरि के बीच विवाद पैदा हो गया है। करुणानिधि ने एमके स्टालिन को राजनीतिक तौर पर अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन उनके निधन के बाद पार्टी की बागडोर किसके हाथ में होगी, इसे लेकर अब विवाद हो गया है। आलागिरि ने दावा किया है कि पार्टी के लोग उनके समर्थन में खड़े हैं। उत्तराधिकारी को लेकर जिस तरह की बातें उन दिनों चल रही हैं, वह ठीक नहीं हैं। मैं उससे दुखी हूं।
जजों को नेताओं - पुलिस अफसरों के पीछे बैठाने का मुद्दा गर्माया, जस्टिस एमएस रमेश के मैसेज से मचा हड़कंप
गौरतलब है कि एमके स्टालिन पहले से ही डीएमके के कार्यवाहक प्रभारी हैं। उत्तराधिकार का यह मुद्दा 2017 की शुरुआत में करुणानिधि की तबीयत लगातार खराब होने के चलते सामने आया था। पार्टी के जानकारों का कहना है कि स्टालिन का पार्टी पर पूरा नियंत्रण है। 2013 से ही उनकी पार्टी पर पकड़ है। हालांकि स्टालिन के कार्यवाहक प्रभारी बनने के बाद अलागिरि के प्रति निष्ठा रखने वालों को पद से हटा दिया गया था।
मणिशंकर अय्यर ने फिर पीएम पर किया हमला, कहा- मुसलमानों के प्रति मोदी की कोई हमदर्दी नहीं
बता दें कि गत 7 अगस्त को करुणानिधि का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। करुणानिधि ने तीन शादियां की थीं, जिसमें से उनकी दूसरी पत्नी दयालु अम्मल से स्टालिन पैदा हुआ। एमके अझागिरी, एकके थामिलारासु और सेल्वी स्टालिन के सगे भाई-बहन हैं, जबकि अलागिरि और कनिमोझी सौतेले भाई-बहन हैं।