नई दिल्ली। भारतीय सेना के 12 लाख कर्मियों और सेवानिवृत्त हो चुके अधिकारियों के लिए सख्त हिदायत जारी की गई है। सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कहा कि कोई भी अधिकारी अगर भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, फिर चाहे वह किसी भी रैंक या कद का क्यों न हो। इसके साथ ही उन्होंने सेना के जवानों और अधिकारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा है कि कोई भी अधिकारी जवानों से अर्दली जैसा काम नहीं लेगा। वहीं सेना के खान-पान में हो रहे बदलाव पर उन्होंने कहा कि पूरी, पकौड़े और मीठे पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
गौरतलब है कि नई गाइडलाइन के तहत जनरल रावत ने सेना के जवानों और अधिकारियों की सेहत के लिए हेल्दी खाने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीएसडी से मिलने वाली शराब और कैंटीन के सामानों के भी दुरुपयोग करने की खबरें मिली हैं। इसपर भी रोक लगाने की जरूरत है। जनरल रावत ने कहा कि किसी भी रेजीमेंट और स्टेशन में अजीबो-गरीब व्यवस्थाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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यहां बता दें कि ऐसी भी खबरें आ रहीं हैं कि सेना में सरकारीपन को दूर करने कवायद सरकार के दवाब में शुरू की गई है। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि सेना में काफी अनुशासन है और वहां भ्रष्टाचार या फिर चीजों को कम बर्बाद किया जाता है। सेना के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि सेना के जवानों का मानक तेजी से नीचे गिर रहा है। समय-समय पर होने वाली शारीरिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि उनमें कई तरह की बीमारियां फैल रही हैं और इसकी वजह जरूरत ज्यादा तला हुआ खाने को माना गया है।
सेना प्रमुख ने कहा कि पिछले कुछ समय में सेना पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे हैं, नई गाइडलाइन के अनुसार अब भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जााएगा फिर वे किसी भी रैंक या पद पर हों। जनरल विपिन रावत ने कहा कि सेना आपदा से लेकर कई अहम मौकों पर लोगों के राहत और बचाव का काम करती है ऐसे में उनका फिट होना बेहद ही जरूरी है।