नई दिल्ली। गुजरात सरकार और प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिलने के बाद पाटीदार आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल ने शनिवार को अपने घर से ही आमरण अनशन शुरू कर दिया है। प्रशासन की ओर से हार्दिक की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और उनके घर पर आने वाले सभी लोगों से पूछताछ की जा रही है। शहर में माहौल तनावपूर्ण न हो इसके लिए जूनागढ़ में धारा 144 लागू कर दी गई है। गौर करने वाली बात है कि हार्दिक पटेल ने पहले ही अपने अनशन को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को पत्र लिखकर अनुमति मांगी थी लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी गई।
गौरतलब है कि 3 साल पहले 25 अगस्त साल 2015 को गुजरात में पाटीदार आंदोलन की शुरुआत हुई थी जिसकी वजह से पूरे राज्य में काफी उपद्रव हुआ था। आंदोलन की हिंसा में 14 लोगों की मौत हो गई थी। इस दौरान सार्वजनिक संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया था। बता दें कि शुक्रवार को ही हार्दिक पटेल ने गुजरात पुलिस पर उन्हें नजरबंद करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि करीब 80 पुलिस वाले सफेद कपड़ों में उनपर निगरानी रख रहे हैं।
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यहां बता दें कि पाटीदार नेता ने कहा कि सरकार और प्रशासन की ओर से अनुमति मिलने या नहीं मिलने के बावजूद उनका अनशन जारी रहेगा। उनके अनशन के चलते जूनागढ़ के कलेक्टर ने पूरे जिले में धारा 144 लागू कर दी है। वहीं सार्वजनिक स्थानों पर भी 4 से ज्यादा लोगों पर रोक लगाई गई है। हार्दिक ने कहा कि कानून व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है। हार्दिक पटेल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से पत्र के जरिए अनशन की अनुमति और जगह मुहैया कराए जाने की मांग की थी लेकिन सरकार ने इसे पूरी तरह से मना कर दिया।