नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को 1984 सिख विरोधी दंगे को लेकर ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। ट्रायल कोर्ट ने इस केस में 88 लोगों को दोषी करार दिया था। इससे पहले, पटियाला हाउस कोर्ट ने 1984 सिख दंगों के मामले में 2 लोगों को सजा सुनाई थी। बता दें कि हाईकोर्ट ने पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में हुए दंगे के मामले में अपना फैसला सुनाया है। बता दें कि इससे पटियाला हाउस कोर्ट ने महिपालपुर के रहने वाले 2 आरोपियों में से एक यशपाल को मौत की सजा और दूसरे नरेश सेहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
गौरतलब है कि सिख विरोधी दंगे में एसआईटी के द्वारा दर्ज किए गए 5 मामलों में से पहले मामले में यह फैसला आया है। यहां बता दें कि 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों के खिलाफ दंगा भड़क गया था। इस दौरान दिल्ली के कई इलाकों में बड़ी संख्या में सिखों को निशाना बनाया गया था और उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था।
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यहां बता दें कि सिख विरोधी दंगे में कांग्रेस के नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार का नाम भी सामने आया था लेकिन अभी तक उनके खिलाफ कोई फैसला नहीं दिया गया है। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणी में कहा कि 1984 में जो भी हुआ वह बहुत ही बर्बर था। हाईकोर्ट के फैसले से पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने इसी से जुड़े एक मामले में फैसला देते हुए महिपालपुर निवासी यशपाल को फांसी और नरेश सेहरावत को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।